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नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल (NMC) बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी हुआ पास, 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों के लाइसेंस की राह हुई आसान

मेडिकल एसोसिएशन के विरोध के बावजूद नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल (NMC) को लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी पास हो गया है। इस बिल के विरोध कर रहे  देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। IMA को इस बिल के कुछ प्रावधानों पर ऐतराज है। उनका कहना है कि  इस बिल के जरिए सरकार उन छात्रों को डॉक्टर बनाने से रोक देगी जो शैक्षणिक स्तर पर बेहतर हैं। लेकिन आर्थिक वजहों से वो पढ़ाई नहीं कर सकेंगे।

 सरकार ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों में 50 फीसद सीटों पर मैनेजमेंट को फैसला लेने का अधिकार दिया है। दूसरी व्यवस्था ये है कि एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वालों को प्रैक्टिस करने के लिए एग्जिट टेस्ट पास करना होगा। अब तक यह व्यवस्था उन छात्रों के लिए थी जो विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर भारत में प्रैक्टिस करना चाहते थे।

अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी, लेकिन बिल पास होने के बाद एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा।सरकार का कहना है कि इस बिल के आने के बाद मेडिकल एसोसिएशन में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी ।

बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है, जिसका देशभर के तीन लाख डॉक्टर विरोध कर रहे हैं।विधेयक की धारा 15(1) में छात्रों के प्रैक्टिस करने से पहले और स्नातकोत्तर चिकित्सकीय पाठ्यक्रमों में दाखिले आदि के लिए ‘नेक्स्ट’ की परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रस्ताव रखा गया है।