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ऐप और सोशल साइट्स से अब कोई नहीं चुरा सकेगा आपकी निजी जानकारी, सरकार ने बिल को दी मंजूरी

बिल का जो मसौदा सरकार ने अपने वेबसाइट पर डाला था उसके मुताबिक़ आम लोगों के निजी डेटा के सही और पारदर्शी इस्तेमाल की ज़िम्मेदारी सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों पर सौंपी गई है, जो डेटा का इस्तेमाल करने वाले हैं.

उपभोक्ता की बिना जानकारी या चोरी करके उसके डेटा का इस्तेमाल करना अब दोनों ही तरह की एजेंसियों को भारी पड़ने वाला है. बिल में ऐसी हरकत के लिए ऐसा करने वाली एजेंसियों पर 15 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है.

डेटा का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए बिल में एक डेटा सुरक्षा प्राधिकरण (Data Protection Authority) बनाने का प्रावधान किया गया है.

बिल में डेटा प्रोटेक्शन से संबंधित तमाम देशों से जुड़े कानूनों की समीक्षा कर एक नया कानून बनाया गया है. खासकर यूरोप के डेटा प्रोटेक्शन कानून से कई इनपुट लिए गए हैं.

इसमें सबसे अधिक फोकस डेटा को साझा करने में लोगों की सहमति लेने पर दिया है. इसके लिए कई प्रावधान बनाए गए हैं और सख्त रूप से कहा गया है कि बिना अनुमति किसी की तरह का डेटा लेना या उसे साझा करना कानूनन अपराध होगा.

जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने बीते वर्ष अपनी सिफारिशों के साथ डेटा प्रोटेक्शन कानून का मसौदा भी सरकार को सौंपा था.

बाद में सरकार ने इसे सार्वजनिक चर्चा के लिए जारी कर इसमें संशोधन किये. अब इसके मसौदे को कैबिनेट की अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है.