प्रधानमंत्री से मिले बिल गेट्स, मोदी सरकार की योजनाओं की तारीफ
दुनिया के सबसे बड़े धनी अमेरिकी उद्योगपति और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री के इस मुलाकात दौरान उनकी क्या बातचीत हुई इसकी जानकारी हालांकि नहीं मिल पाई है मगर इससे पहले उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सरकार के कार्यों की सराहना की.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन से मुलाकात के दौरान कहा, “स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने के लिए महत्वाकांक्षी योजना की पहल की है, खासतौर से महिला और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में सरकार काम कर रही है.”
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय और गेट्स बीएमजीएफ के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए. हर्षवर्धन और बिल गेट्स की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर मंत्रालय में संयुक्त सचिव (अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य) लव अग्रवाल और बीएमजीएफ के भारत स्थित कार्यालय के निदेशक एम. हरि मेनन ने किए.
गेट्स ने कहा, “हमारा फाउंडेशन इस लक्ष्य (स्वास्थ्य सेवा संबंधी लक्ष्य) का समर्थन करता है और भारत के इस लक्ष्य को हासिल करने में हम भागीदार बनना चाहते हैं. इसलिए इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से हम खुश हैं.”
इससे पहले बिल गेट्स ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश में पहली बार आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कृषि सांख्यिकी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने जलवायु परिवर्तन का कृषि क्षेत्र में पड़ने प्रभावों पर प्रकाश डाला. इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर भी मौजूद थे.
बिल गेट्स ने सोमवार को अपने व्यस्त कार्यक्रम दौरान केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के साथ मिलकर भारतीय पोषण कृषि कोष ( बीपीकेके) का शुभारंभ किया. यह कोष बेहतर पोषण परिणामों के लिए भारत में 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध प्रकार की फसलों का भंडार होगा.
इस मौके पर उन्होंने कहा, “भारत में अगर कोई ऐसी समस्या है जिसका निराकरण बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन करना चाहेगा तो वह महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या है.”
उन्होंने कहा कि इस समस्या के निदान से देश के विकास में अभूतपूर्व बदलाव आएगा और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन को देश में कुपोषण की चुनौती से निबटने के लिए एक सतत पोषण कार्यक्रम बनाने में भारत सरकार, डब्ल्यूसीडी और अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करने में खुशी होगी.