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फ्रॉड मामले में मोदी सरकार ने की 10 हजार बैंक कर्मियों पर कार्रवाई, 2 साल में बंद किए 3.38 लाख बैंक खाते

वित्त मंत्री ने संसद को बताया है कि साल 2015 से 2017 के बीच करीब 10 हजार बैंक कर्मियों पर कार्रवाई की गई है. इसमें नोटबंदी का वक्त भी शामिल है, जब बैंकों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुए. साथ ही, बैंकों में फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने दो साल में कुल 3.38 लाख बैंक खातों को भी बंद किया है.

मोदी सरकार (Government of India) ने भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है ताकि जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े. सरकार ने बैंकों में एक लाख से अधिक का लोन देने में भ्रष्टाचार (Banking Fraud) की शिकायत पर सख्त एक्शन लिया है. 2015 से 2017 के बीच करीब 10 हजार बैंक कर्मियों (Bank Employees) पर कार्रवाई की गई है. इसमें नोटबंदी का वक्त भी शामिल है, जब बैंकों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुए.

सांसद अन्नपूर्णा देवी और रमा देवी के सवाल पर वित्त मंत्री ने लोकसभा में यह जवाब दिया है. वहीं, एक और अन्य सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने बताया है कि बैंकों में फ्रॉड (Banking Faruds) को रोकने के लिए सरकार ने दो साल में कुल 3.38 लाख बैंक खातों को भी बंद किया है.

सांसद अन्नपूर्णा देवी और रमा देवी ने पूछा था कि क्या सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों (Nationalize Bank) में कर्जों के वितरण से संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों में किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है.

जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में 4641, साल 2016 में 3232 और साल 2017 में 2107 बैंक कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. ये लोग 1 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम की धोखाधड़ी में शामिल रहे हैं.