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भारत में खरोष्ठी लिपि को किसने स्थापित किया ?

ईरानियों ने

सिंधु घाटी की चित्रलिपि को छोड़ कर, खरोष्ठी भारत की दो प्राचीनतम लिपियों में से एक है। … सम्राट अशोक ने शाहबाजगढ़ी और मनसेहरा के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में ही लिखवाए हैं। इसके प्रचलन की देश और कालपरक सीमाएँ ब्राह्मी की अपेक्षा संकुचित रहीं और बिना किसी प्रतिनिधि लिपि को जन्म दिए ही देश से इसका लोप भी हो गया।

मतानुसार खरोष्ठी का मूल खरपोस्त (ऊखरपोस्त ऊखरोष्ठ) है। पोस्त ईरानी भाषा का वह शब्द है जिसका अर्थ ‘खाल’ होता है। महामायूरी में उत्तरपश्चिम भारत के एक नगरदेता का नाम खरपोस्त आया है। चीनी परंपरा के अनुसार इसका आविष्कार ऋषि खरोष्ठ ने किया था। लिपि के नाम से व्युत्पत्ति चाहे जो हो, इसमें संदेह नहीं कि इस देश में यह उत्तरपश्चिम से आई और कुछ काल तक, अशोक के अतिरिक्त, मात्र विदेशी राजकुलों द्वारा उनके ही प्रभाव के क्षेत्र में प्रयुक्त होकर उनके साथ ही समाप्त हो गई।