आकाश के नीले दिखाई देने का मुख्य कारण क्या है ?
वायुमण्डल में उपस्थित धूल आदि के कणों द्वारा सौर किरणों का प्रकीर्णन
किसी भी खगोलीय पिण्ड (जैसे धरती) के वाह्य अन्तरिक्ष का वह भाग जो उस पिण्ड के सतह से दिखाई देता है, वही आकाश (sky) है। अनेक कारणों से इसे परिभाषित करना कठिन है। दिन के प्रकाश में पृथ्वी का आकाश गहरे-नीले रंग के सतह जैसा प्रतीत होता है जो हवा के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के परिणामस्वरूप घटित होता है। जबकि रात्रि में हमे धरती का आकाश तारों से भरा हुआ काले रंग का सतह जैसा जान पड़ता है।
आसमान का रंग उसका अपना नहीं होता है। सूर्य से आने वाला प्रकाश जब आकाश में उपस्थित धूल इत्यादि से मिलता है तो वह छितरता जाता है। नीला रंग, अपने अपेक्षाकृत कम तरंगदैर्घ्य के कारण, अन्य रंगों की अपेक्षा अधिक छितरता है। इसलिए आकाश का रंग नीला दिखता है पर यह हर बार नीला हो ज़रूरी नहीं कई बार यह पीला या लाल रंग का भी दिखाई देता है।