सिलिका क्या है ?
सिलिका या सिलिकॉन डाईऑक्साइड (Silica, SiO2), खनिज सिलिकन और ऑक्सीजन के योग से बना है। यह निम्नलिखित खनिजों के रूप में मिलता है:
१. क्रिस्टलीय: जैसे क्वार्ट्ज
२. गुप्त क्रिस्टलीय: जैसे चाल्सीडानी, ऐगेट और फ्लिंट
३. अक्रिस्टली : जैसे ओपल।
सिलिका का उपयोग भिन्न-भिन्न रूपों में होता है। बालू में विद्यमान छोटे-छोटे कण काँच तथा धात्विक उद्योगों, विशेषत: भट्ठियों के निर्माण में काम आते हैं। सिरेमिक सामानों के निर्माण में सिलिका काम आता है। तापरोधी ईंटें इससे बनती हैं। ताप परिवर्तन को यह सरलता से पूरक के रूप में सहन कर लेता है। यह खनिज, रंग तथा कागज उद्योग में काम आता है। शुद्ध, रंगहीन, क्वार्ट्ज क्रिस्टल से प्रकाशयंत्र तथा रासायनिक उपकरण बनाए जाते हैं। सिलिका से बनी बालू शिलाएँ मकान बनाने के पत्थरों के रूप में प्रयोग की जाती हैं।
इसके खनिज आग्नेय, जलज तथा रूपांतरित तीनों प्रकार की शिलाओं में मिलते हैं पर इनके आर्थिक निक्षेप पैगमेटाइट शिलाओं में, नसों तथा धारियों में और बालू में मिलते हैं।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में शुद्ध बालू मिलता है। गया के राजगिरि पहाड़ियों, मुंगेर की खरकपुर पहाड़ियों, पटना के बिहारशरीफ, उड़ीसा के संबलपुर तथा बागरा के कुछ भाग में तापरोधी कार्यों के लिए उत्कृष्ट कोटि का स्फटिकाश्म (Quartzetes) प्राप्त होता है।