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PCS परीक्षा में पति पत्नी ने बनाया रिकार्ड, पहले स्थान पर पति और दूसरे पर पत्नी ने बनाई जगह

छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में अनोखा कीर्तिमान दर्ज हुआ है जो शायद किसी ने सपने में भी नही सोचा होगा . छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में  एक साथ सफलता हासिल कर पति और पत्नी ने देश में एक नया कीर्तिमान बना दिया है . शायद ये इतिहास का पहला  मामला होगा जिसके रिजल्ट  में पति अनुभव सिंह टॉपर और पत्नी विभा सिंह सेकेंड टॉपर का स्थान अपने नाम किया है . हालांकि पति और पत्नी की इस सफलता भरी कहानी जितनी शानदार और रोचक है, उतनी ही संघर्ष की कठिनाइयों से  भरी हुई भी है. सीजीपीएससी एग्जाम के परिणाम में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी सुपर टैलेंटेड कपल अनुभव सिंह और पत्नी विभा सिंह ने हकीकत में साबित कर दिखाया है. दरअसल, अनुभव सिंह 2008 से तो विभा भी पीसीएस परीक्षा में असफल होती रही थीं. कामयाबी मिली तो दोनों ने सबको हैरत में डाल दिया है.

यह महज संयोग नहीं है, यह उनकी प्रतिभा का एक ऐसा साझा कमाल है, जिस पर किसी को भी आश्चर्य  हो सकता  है. छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में 36 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में पति ने पहला तो पत्नी ने दूसरा स्थान हासिल किया है. रायपुर निवासी अनुभव सिंह वर्ष 2008 से बिलासपुर में रहकर पीसीएस परीक्षा की तैयारी में लगे हुए थे. साथ ही, बिल्हा पंचायत में एडीओ उनकी पत्नी विभा सिंह भी पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं. बीते 10 जुलाई को जब सीजीपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट आया तो अनुभव सिंह फर्स्ट और विभा सिंह सेकंड टॉपर रहीं. अनुभव सिंह को 300 में से 278 और विभा को 268 अंक मिले हैं.

अनुभव सिंह काफी समय से लगातार इस परीक्षा में बैठ रहे थे. किसी न किसी वजह से वह इससे पहले एक बार भी सफल नहीं हो सके. इस दौरान कई बार वह सरकारी नौकरियों के लिए सिलेक्ट भी कर लिए गए, लेकिन पीसीएस क्लियर करने के जुनून में उन्होंने कहीं ज्वॉइन नहीं किया. इस दौरान पति पत्नी  को उनके परिवार से पूरा सहयोग मिला.

ऐसे में अनुभव सिंह ने बताया कि मेरे 10 सालों की मेहनत को आज सफलता मिली है, मैं बहुत खुश हूं, इसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूं, मैं 2008 से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते रहा हूं और घर वाले और शुभचिंतकों के सपनों पर किन्हीं कारण से खरा नहीं उतर पा रहा था. मुझे ऐसे दिनों में मेरी पत्नी विभा और मम्मी मिथलेश ठाकुर का पूरा साथ मिला और मुझे कमजोर नहीं होने दिया. अगर सच्ची लगन से किसी काम को किया जाय और कभी भी निराश न होने की भावना मन में हो तो सफलता जरूर मिलती है उन्होंने कहा कि  मैं अपनी असफलताओं से सीखता था और अब जाकर सफल हो पाया हूं.