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गृहमंत्री अमित शाह ने लगातार किए 5 ट्वीट, कहा पाकिस्तान से आए अल्पसंकयकों के लिए करेंगे खास बंदोबस्त

NRC को लेकर देश में भ्रम और भय के माहौल के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि इससे किसी को घबराने और खौफ खाने की जरूरत नहीं है। यह प्रक्रिया किसी को भी बाहर नहीं करेगी। मोदी सरकार इस बाबत अल्पसंख्यकों के लिए खास तौर पर व्यवस्था करेगी। विपक्ष ने इस संबंध में डर फैलाया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि देश खुला छोड़ देने से नहीं चलता है। घुसपैठियों को यहां से जाना ही पड़ेगा। इतना ही नहीं, उन्होंने आगे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गांधी, देश के पहले PM पंडित जवाहर लाल नेहरू और पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का भी जिक्र किया और अपनी बात रखी।

पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा- NRC में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। जो भी NRC के तहत इस देश का नागरिक नहीं पाया जाएगा सबको निकाला जाएगा। आज अपने ही लाए क़ानून का विरोध करने वाले गुलाम नबी आजाद और सोनिया गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप कानून शोकेस में रखने के लिए लाये थे?

अगले ट्वीट में कहा- देश का विभाजन कभी भी धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए था मगर हुआ। नेहरू-लियाकत समझौते में दोनों देशों ने अपने यहाँ के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली। पर जब पाकिस्तान ने इस समझौते का पालन नहीं किया तो वहां के अल्पसंख्यकों का अधिकार था कि उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए।

चौथे ट्वीट में शाह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी को CAA का विरोध करने व इसपर देश भर में अफवाह और अशांति फैलाने से पहले, महात्मा गांधी जी, जवाहरलाल नेहरू, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, 25 Nov 1947 कांग्रेस कार्यकारिणी का प्रस्ताव, मनमोहन सिंह जी और अशोक गहलोत के इन वक्तव्यों को अच्छे से सुनना और पढ़ना चाहिए।

आखिरी ट्वीट में उनके हैंडल से लिखा गया- मैं पुनः स्पष्ट कर देता हूँ कि NRC से किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को डरने की ज़रूरत नहीं है, आपको कोई बाहर नहीं कर सकता। और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकार विशेष व्यवस्था करेगी क्योंकि विपक्ष ने उनमें भय फैलाया है। मगर जो घुसपैठिए हैं वो कोई भी हों उनको देश से जाना ही होगा।