हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के जीवन के आश्चर्यजनक तथ्य जो शायद आप नहीं जानते होंगे |
ध्यानचंद जी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बाते :-
- महान हॉकी खिलाड़ी रहे ध्यानचंद को बचपन में कुश्ती से प्यार था और पहलवान बनना चाहते थे लेकिन किस्मत ने उनके लिए महान हॉकी खिलाड़ी बनना तय कर रखा था।
- ध्यान सिंह को ध्यान चंद नाम इसलिए मिला क्योंकि वह देर रात चांद की रोशनी में प्रैक्टिस किया करते थे। इसलिए उनके साथी उन्हें ध्यान चंद कहकर बुलाने लगे।
- जर्मनी का तानाशाह ध्यानचंद के खेल से इस कदर प्रभावित था कि उन्हें जर्मनी की नागरिकता और सेना में कर्नल का पद दिया था। लेकिन देशभक्त ध्यानचंद ने इसे ठुकरा दिया था।
- ध्यानचंद ने अपने लाजवाब इंटरनेशनल करियर में 400 से ज्यादा गोल दागे, जिनमें 101 ओलंपिक गोल और 300 बाकी मैचों में दागे गए थे।
- ध्यानचंद महज 16 साल की उम्र में सिपाही के रूप में सेना में भर्ती हुए थे और वह मेजर रैंक पर रहते हुए रिटायर हुए।
- भारत ने 1932 ओलंपिक में यूएसए को 24-1 और जापान को 11-1 से मात दी थी। इन दो मैंचों में भारत की तरफ से किए गए 35 गोलों में ध्यानचंद ने 12 और रूप सिंग ने 13 गोल दागे थे। इस प्रदर्शन के बाद ये दोनों ‘हॉकी जुड़वा’ नाम से विख्यात हो गए।
- एक मैच के दौरान ध्यानचंद गोल नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने मैच रेफरी से गोलपोस्ट की माप को बहस की। आपको ये जानकार हैरानी होगी की जब गोलपोस्ट को नापा गया तो उसकी चौड़ाई तय अंतरराष्ट्रीय नियमों से कम नहीं निकली।
- ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार भी बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी रहे। अशोक ने 1975 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल दागते हुए भारत को हॉकी का एकमात्र वर्ल्ड कप जिताया था।