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ऑनलाइन बिक्री हेतु नए दिशानिर्देश जारी किए गए

1: हाल ही में केन्द्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को उन फर्मों के उत्पाद बेचने पर रोक लगाने को कहा है, जिनमें उनकी ‘हिस्सेदारी’ है या उन पर ‘नियंत्रण है।

2: वाणिज्य मंत्रालय ने समेकित नीति परिपत्र 2017 के संबंध में इसे एक स्पष्टीकरण के रूप में जारी किया है। यह स्पष्टीकरण पहले की नीति में खामियों को दूर करने पर लक्षित है|

3: वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ई-कॉमर्स के ‘मार्केटप्लेस मॉडल में स्वचालित प्रक्रिया की अनुमति है। लेकिन ई-कॉमर्स के ‘इन्वेंट्री-आधारित मॉडल की अनुमति नहीं है।

4: मार्केटप्लेस उपलब्ध कराने वाली ई-कॉमर्स इकाई बेची जाने वाली किसी भी वस्तु या सेवा पर स्वामित्व या नियंत्रण कायम नहीं करेगी।

5: इन्वेंट्री पर इस तरह का स्वामित्व या नियंत्रण‘ मार्केटप्लेस मॉडल’ को इन्वेंट्री-आधारित व्यापार मॉडल के रूप में संदर्भित करेगा।

6: यदि किसी विक्रेता की 25 से अधिक बिक्री ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस’ इकाई विशिष्ट या उस समूह की अन्य कंपनियों से हो रही है तो उस विक्रेता को इन्वेंट्री को ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस’ इकाई विशिष्ट द्वारा नियंत्रित माना जाएगा।

7: ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस इकाई’ को हर साल 30 सितम्बर तक वैधानिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ एक प्रमाण पत्र भारतीय रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करना आवश्यक होगा, जिसमें सभी दिशा-निर्देशों के अनुपालन की पुष्टि की गई हो|

8: ‘इन्वेंट्री-आधारित मॉडल’ : किसी भी ई-कॉमर्स को ‘इन्वेंट्री-आधारित मॉडल’ तब कहा जाता है जब उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली ‘वस्तु एवं सेवा’ पर ई-कॉमर्स इकाई का ही स्वामित्व हो।

9: ‘मार्केटप्लेस मॉडल’ : किसी भी ई-कॉमर्स को ‘मार्केटप्लेस मॉडल’ तब कहा जाता है जब कोई ई-कॉमर्स कंपनी खरीददार और विक्रेता के बीच सुविधा प्रदाता के रूप में मात्र एक सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म प्रदान करती है।

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