संयुक्त राष्ट्र सभा में PM मोदी ने दिया अभूतपूर्व भाषण, तालियों से गूंज उठा UNGA
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सभा में अभूतपूर्व भाषण दिया | उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना संबोधन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम के साथ शुरू किया | भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने जैसे ही सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किए जाने के लिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयास की बात कही तभी पूरा संयुक्त राष्ट्र महासभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा |
पीएम मोदी ने कहा, ‘अध्यक्ष महोदय जब मैं यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा आ रहा था तभी संयुक्त राष्ट्र के भवन पर लिखा देखा No more single use plastics (सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग ना करें). मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस वक्त पूरा भारत सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने के लिए एक अभियान चला रहा है.’ पीएम मोदी के इतना कहते ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा. तालियों के चलते पल भर के लिए पीएम मोदी को अपने भाषण में रुकावट लेना पड़ा.
पीएम ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया। इस जनादेश की वजह से ही आज फिर मैं यहां हूं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘अगले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं.’ उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है.
जब एक विकासशील देश, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम सफलतापूर्वक चलाता है, 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है, तो उसके साथ बनी संवेदनशील व्यवस्थाएं पूरी दुनिया को एक नया मार्ग दिखाती हैं. हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास. हम 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं. प्रयास हमारे हैं, परिणाम सारे संसार के लिए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत जिन विषयों को उठा रहा है, जिन नए वैश्विक मंचों के निर्माण के लिए भारत आगे आया है, उसका आधार वैश्विक चुनौतियां हैं, वैश्विक विषय हैं और गंभीर समस्याओं के समाधान का सामूहिक प्रयास है.