हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकाधिकार बनाती चीनी सेना, जवाब में पीएम मोदी और शिंजो आबे ने बनाई ये रणनीति
चीन की विस्तारवादी नीति से सभी परिचित हैं और सभी देश उसकी इन प्रकार की हरकतों से परेशान भी रहते हैं . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने सोमवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बन रहे सुरक्षा हालात की समीक्षा की और क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए तीसरे देशों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई. दोनों नेताओं ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर यहां मुलाकात की. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की तेजी से पैर पसारती सेना और बढ़ते आर्थिक दबदबे का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठा.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने नियम आधारित व्यवस्था के आधार पर मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. हालांकि, बातचीत का कोई विशिष्ट ब्योरा नहीं दिया गया.मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने तीसरे देशों में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई
मोदी और आबे ने स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में काम करने का संकल्प ऐसे वक्त लिया है, जब क्षेत्र में समुद्री सीमाओं में चीन के बढ़ते दखल को लेकर 10 राष्ट्रों वाले आसियान के कई सदस्य देशों के बीच चिंता बढ़ रही है.मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने इस महीने के अंत में भारत और जापान के विदेश तथा रक्षा मंत्रालयों के बीच भारत में होने वाली ‘टू प्लस टू’ उद्घाटन वार्ता के बारे में भी बात की. इसने उल्लेख किया कि इससे दोनों पक्षों के बीच सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग बढ़ेगा.