राज्यसभा में मोदी सरकार की स्थिति हुई मजबूत ,एनडीए पहुंचा बहुमत के करीब
राज्यसभा में मोदी सरकार की स्थिति अब बेहद मजबूत होती जा रही है किसी विधेयक को पास कराने में संक्या बहुमत होना आवश्यक होता है और राज्य सभा में बहुमत न होने से मोदी सरकार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था किन्तु अब संसद के उच्च सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के इस्तीफों के बीच सत्तारूढ़ राजग के सदस्यों की संख्या में हुए इजाफे के कारण बहुमत के करीब पहुंची मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में स्थिति मुफीद हो गयी है.
बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद केसी राममूर्ति ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. समझा जाता है कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं. भाजपा सूत्रों ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों के इस्तीफे की उम्मीद जताते हुए आगामी सत्र में मित्र दलों के सहयोग से सरकार के लिए राह आसान होने का भरोसा जताया है. राज्यसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब 45 रह गयी है, वहीं विभिन्न राज्य विधानसभाओं में मजबूत स्थिति में पहुंची भाजपा को उच्च सदन की रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद 245 सदस्यीय सदन में उसके सदस्यों की संख्या 83 हो जायेगी. राज्यसभा में अभी रिक्त सीटों की संख्या पांच है.
सदन में भाजपा सहित राजग के सदस्यों की संख्या 106 है. उच्च सदन में सत्तापक्ष का बाहर से समर्थन करने वाले अन्नाद्रमुक के 11, बीजद के सात, टीआरएस के छह, वाईएसआर कांग्रेस के दो और तीन अन्य क्षेत्रीय दलों का समर्थन राजग को बहुमत के संकट से उबारने में मददगार साबित होते हैं. उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ राजग का उच्च सदन में बहुमत नहीं होने के कारण मोदी सरकार को पिछले कार्यकाल में तीन तलाक सहित अन्य अहम विधेयकों को पारित कराने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था. लोकसभा चुनाव के बाद तेदेपा, कांग्रेस और सपा छोड़ने वाले राज्यसभा सदस्यों को उपचुनाव में भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाकर फिर से उच्च सदन में भेजा है. भाजपा को आने वाले दिनों में विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों के इस्तीफे की उम्मीद है.
गौरतलब है कि राज्यसभा में कर्नाटक से कांग्रेस सदस्य केसी राममूर्ति ने बुधवार को उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. हाल ही में कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्यों भुवनेश्वर कलिता और संजय सिंह ने भी उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही सपा के राज्यसभा सदस्यों नीरज शेखर, सुरेंद्र सिंह नागर और संजय सेठ ने भी उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बाद में वे भाजपा टिकट पर फिर से सदन के लिए निर्वाचित हुए. इससे राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या में वृद्धि हुई. इसी साल जून में तेदेपा के चार राज्यसभा सदस्य भाजपा में शामिल हो गये थे.