आखिर क्या हुआ नवाज़ शरीफ़ को, जानें

वो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पाकिस्तान की जेल में सज़ा काट रहे थे. लेकिन तबीयत बिगड़ने पर लाहौर हाई कोर्ट ने 25 अक्तूबर को मेडिकल आधार पर उन्हें ज़मानत दी थी.

क़तर के शाही खानदान की वीआईपी एयर एम्बुलेंस मंगलवार सुबह नवाज़ शरीफ़ को लेने पाकिस्तान के लाहौर शहर पहुंची थी.

सुबह क़रीब 10 बजे नवाज़ शरीफ़ को लेकर जहाज़ ने ब्रिटेन के लिए उड़ान भरी. उनका इलाज लंदन में होना है. शरीफ़ अपने भाई शहबाज़, निजी डॉक्टर और दो नौकरों के साथ ब्रिटेन रवाना हुए.

शरीफ़ का परिवार काफी वक्त से मांग कर रहा था कि उन्हें इलाज के लिए विदेश भेजा जाए. लेकिन उनकी ये मांग मानी नहीं जा रही थी.

दरअसल नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) ने नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ दो मामले दर्ज किए थे. नैब की अदालत ने उनके ख़िलाफ़ फैसला सुनाया था. जिसकी वजह से नवाज़ शरीफ़ सज़ा काट रहे थे.

इसके बाद नैब ने उनपर एक तीसरी केस दर्ज किया, जिसकी वजह से उन्हें जेल से लाहौर स्थित नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो में बुलाया गया.

इस बीच नवाज़ शरीफ़ के निजी डॉक्टर ने ट्वीटर पर लिखा और बार-बार शिकायत की कि हम उनके इलाज के लिए इजाज़त मांग रहे हैं और उन्हें देखना चाहते हैं, क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है.

लेकिन जब उन्हें इजाज़त मिली तो ये सामने आया कि नवाज़ शरीफ़ की तबीयत ठीक नहीं है. उसके बाद नवाज़ शरीफ़ को लाहौर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

वहीं करीब पांच से छह हफ़्तों तक उनका इलाज जारी रहा. जिसमें ये बताया गया कि नवाज़ शरीफ़ के प्लेटलेट्स कम हो गए हैं. बताया गया कि उन्हें ऑटो इम्यून डिजीज़ है, जिसकी वजह से उनके प्लेटलेट्स में कमी आती है.

उन्हें दवाइयां दी गई, इंजेक्शन भी दिए गए. कभी प्लेटलेट्स बढ़ भी जाते थे, लेकिन बार-बार वो गिर रहे थे.

सरकार ने एक मेडिकल बोर्ड बनाया था, उन्होंने इस पूरे मामले में जांच की और कहा कि इनको इसके साथ-साथ और बहुत सारी बीमारियां हैं. जिनमें इनको दिल की बीमारी भी है, शुगर है, किडनी के भी मसले हैं.

इसलिए डॉक्टर्स के लिए ये पता लगाना बहुत मुश्किल हो रहा था कि प्लेटलेट्स कम होने की असली वजह क्या है.

बीमारी का असल कारण?

कहा गया कि ऐसी भी कुछ समस्या हो सकती थी, जिसके टेस्ट पाकिस्तान में नहीं होते हैं. इस वजह से सरकारी मेडिकल बोर्ड ने रेफर किया कि ये लंदन जाकर अपना इलाज कराएं.

फिर नवाज़ शरीफ़ के भाई शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान की सरकार से उन्हें विदेश जाकर इलाज करवाने देने की इजाज़त मांगी, क्योंकि नवाज़ शरीफ़ का नाम ईसील यानी एक्ज़िट कंट्रोल लिस्ट में शामिल है.

इस लिस्ट में नाम होने की वजह से नवाज़ शरीफ़ देश छोड़कर नहीं जा सकते थे. लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने कहा कि ये कोर्ट का मामला है, इसलिए पहले वो कोई अशॉरिटी बॉन्ड दें. सरकार ने उनसे कहा कि अगर आप सात अरब रुपये गारंटी के तौर पर रखवाते हैं कि आप मुल्क में वापस आएंगे और अपने ख़िलाफ़ लगे मामलों का सामना करेंगे, तो हम आपको एक बार इजाज़त दे देते हैं.

लेकिन नवाज़ शरीफ़ की पीएलएमएन पार्टी और खुद नवाज़ शरीफ़ ने इसे मानने से इनकार कर दिया और उन्होंने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया.

उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट में अपील दायर की, उसपर सुनवाई के बाद जजों ने ये फ़ैसला दिया कि नवाज़ शरीफ़ को चार हफ़्तों के लिए एक बार जाने की इजाज़त दी जाएगी.

उस इजाज़त के बूते नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान से लंदन अपना इलाज कराने के लिए गए हैं।