ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं , मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 राज्यसभा में हुआ पास
मोटर व्हीकल बिल 2019 विधेयक को 23 जुलाई को लोकसभा में पारित हो गया था। किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि’ रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े। इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा। मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 बुधवार को राज्यसभा में पास हो गया। राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया । नए विधेयक में पुराने विधेयक के अनुसार बहुत कड़े कानून बनाये गए हैं । और उनका सख्ती से पालन भी किया जाएगा । आइये जानते हैं इस नए विधेयक की विशेषताओं के बारे में :-
- नए एक्ट के सेक्शन 194-बी के तहत चार साल से बड़े बच्चें के लिए कार में सीट बेल्ट अनिवार्य कर दी गई है। अगर ऐसा नहीं होता है तो वाहन मालिक पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना होगा।वह बच्चा दुपहिया वाहन पर बैठा है तो उसे हेलमेट पहनाना होगा।
- नए एक्ट के सेक्शन 110 ए और 110 बी में प्रावधान कर केद्र सरकार को रिकॉल ऑफ व्हीकल की पावर दे दी गई है। पिछले एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि तय समय से पहले केंद्र सरकार पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वाली गाडियों को वापस बुला सकती है। अर्थात उन्हें सम्बंधित कम्पनी में वापस भिजवा सकती है।
- रोड इंजीनियरिंग की वजह से अगर कोई हादसा होता है तो सीधे तौर पर इसके लिए संबंधित ठेकेदार या कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता। नए एक्ट में ऐसे केस के तहत सम्बंधित एजेंसी या ठेकेदार पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
- बच्चों की हाथ में गाड़ी देने पर पिछले एक्ट में एक हजार रुपये का जुर्माना और तीन माह तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन नए एक्ट के सेक्शन-199 ए के तहत कसूरवार पर 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन साल तक की सजा का नियम बना दिया गया है। इसके अलावा नाबालिग के खिलाफ भी जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत एक्शन लिया जाएगा।
- हिट एंड रन के केस में यदि पीड़ित घायल है तो आरोपी वाहन चालक पर 12500 और पीड़ित की मौत होने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना होता है।नए एक्ट में क्रमशः यह राशि पचास हजार और दो लाख रुपये रखी गई है।
- रेसिंग करने पर पिछले एक्ट में पांच सौ रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में पांच हजार कर दिया गया है ।
- सीट बेल्ट के मामले में पिछले एक्ट में सौ रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में एक हजार कर दिया गया है ।
- हेलमेट न पहनने के मामले में पिछले एक्ट में सौ रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में एक हजार कर दिया गया है ।
- बिना इंश्योरेंस गाड़ी चलाने के मामले में पिछले एक्ट में एक हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में दो हजार कर दिया गया है ।
- हेलमेट न पहनने के मामले में पिछले एक्ट में सौ रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में एक हजार कर दिया गया है ।
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर पिछले एक्ट में पांच सौ रूपए जुर्माने का प्रावधान था अब नए एक्ट में पांच हजार हो गया है । अयोग्य ठहराने के बाद भी ड्राइविंग करते पकड़े गए तो दस हजार रुपये का चालान होगा, जबकि अभी यह राशि पांच सौ रुपये है।
- वाहन की गलत बनावट के कारण कोई हादसा हो जाए और निर्माता द्वारा यदि सुरक्षा के मापदंड पूरे नहीं होते हैं तो डीलर पर एक लाख और निर्मामा पर सौ करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। पिछले एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था ।
- ओवर स्पीड के मामले में पिछले एक्ट में चार सौ रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में दो से चार हजार रुपये प्रस्तावित किया गया है।
- खतरनाक ड्राइविंग के मामले में पिछले एक्ट में एक हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में पांच हजार कर दिया गया है ।
- शराब पी कर ड्राइविंग के मामले में पिछले एक्ट में दो हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान था परन्तु नए एक्ट में दस हजार कर दिया गया है ।जेल और सजा का भी प्रावधान किया गया है ।