कश्मीर में तैनात जवानों को केंद्र सरकार ने दिया बड़ा तोहफा
केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के उन जवानों को डबल ‘हाउस रेंट अलाउंस’ (एचआरए) देने का निर्णय लिया है, जिनके परिवार अभी तक उनकी पहले हुई तैनाती वाली लोकेशन पर रह रहे हैं। ऐसे जवानों को उनकी बेसिक सेलरी का 16 फीसदी अतिरिक्त एचआरए मिलेगा।
इतना ही नहीं, मौजूदा समय में ये जवान कश्मीर घाटी में जहां भी तैनात हैं, वहां के हिसाब से जो एचआरए दिया जाता है, वह भी इन्हें मिलता रहेगा। मतलब ये जवान डबल एचआरए के हकदार होंगे। यह अतिरिक्त एचआरए 31 दिसंबर तक लिया जा सकेगा। इसके बाद यह योजना स्वत: ही आगे के लिए रिन्यू हो जाएगी। इसके लिए गृह मंत्रालय अलग से नए आदेश जारी नहीं करेगा।
इसी साल फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकवादी हमले के एक सप्ताह बाद गृह मंत्रालय ने जोखिम और कठिनाई भत्ते बढ़ाए थे। इससे निचले स्तर के अधिकारियों का भत्ता विशेष लाभ के साथ हर महीने 7,600 रुपये और उच्च अधिकारियों के भत्ते में 8,100 रुपये तक का इजाफा हुआ था।
इंस्पेक्टर रैंक तक भत्ते को 9,700 रुपये से बढ़ाकर 17,300 रुपये, जबकि अधिकारियों का भत्ता 16,900 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया था। यह बढ़ा हुआ भत्ता जम्मू-कश्मीर तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सभी अर्द्धसैनिकों पर लागू करने की बात कही गई थी।
खास बात है कि यह भत्ता अगस्त 2017 से लंबित था। सीएपीएफ में जोखिम और कठिनाई भत्ते के इस मामले को देखने एवं उसकी समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।
यह अलग बात है कि वह समिति बीते दो साल में किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। बड़गाम, पुलवामा और अनंतनाग जैसे दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों और बारामुला तथा कुपवाड़ा जैसे अन्य संवेदनशील स्थानों पर तैनात जवानों को बढ़ा हुआ भत्ता दिया गया।
इसके अलावा जोखिम और कठिनाई भत्ते के तहत आने वाले क्षेत्रों का दायरा बढ़ाकर उसमें कुलगाम, शोपियां, किश्तवाड़, डोडा, रामबन, उधमपुर और तेलंगाना का एक जिला शामिल कर लिया गया। जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, बस्तर (छत्तीसगढ़), लातेहार (झारखंड), गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और मल्कानगिरि (ओडिशा) जैसे नक्सल प्रभावित जिलों को भी उक्त सूची में शामिल किया गया था।