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कैसी होती है अन्तरिक्ष में अन्तरिक्ष यात्रियों की जीवन शैली ,क्या भोजन करते है और कैसे गुजारते हैं जिंदगी

अन्तरिक्ष में यात्रियों की जाने की कहानी अब नयी नहीं है हर देश अपना कदम अन्तरिक्ष में रखना चाहता है .भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन भी  2022 तक गगनयान के जरिए तीन भारतीयों को सात दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजेगा. सात दिनों तक ये तीन अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाते रहेंगे.

एस्ट्रोनॉट्स के खाने को लेकर हमेशा मन में ढेरों सवाल आते हैं. कि वे लोग वहां पर क्या खाते हैं  क्या वे थाली और कटोरी में खाना खाते हैं. उनका खाना क्या अंतरिक्ष में पकाया जाता है. बचा हुआ खाना कहां जाता है. क्या खाना अंतरिक्ष में सड़ता है..

हर अंतरिक्ष यात्री के लिए हर दिन सिर्फ 1.7 किलोग्राम के हिसाब से खाना अंतरिक्ष में भेजा जाता है. इसमें से 450 ग्राम वजन तो खाने के कंटेनर का होता है. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता. इसलिए एस्ट्रोनॉट्स के लिए बनाया गया खाना जीरो-ग्रैविटी को ध्यान में रखकर पकाया जाता है. अंतरिक्ष यात्रियों अगर कंटेनर या बैग को खोलता है तो उसे 2 दिन के अंदर वह खाना खत्म करना होता है. क्योंकि 2 दिन के बाद ये खाना खराब हो जाता है.

शुरुआती अंतरिक्ष अभियानों में एस्ट्रोनॉट्स सॉफ्ट फूड्स या बेबी फूड्स खाते थे. इन्हें टूथपेस्ट जैसे ट्यूब में रखा जाता था. लेकिन धीरे-धीरे खाने की प्रोसेसिंग की प्रक्रिया बदलती रही. वर्ष 1961 से 1963 तक क्यूब के आकार में खाद्य पदार्थ, ड्राई पाउडर और सेमी-लिक्विड फूड ले जाते थे. 1964 से 1967 तक जिलेटिन कोटेड फूड और टूथपेस्ट ट्यूब में खाना ले जाते थे . इसमें पुडिंग और एपल सॉस होता था. 1973 के बाद स्काईलैब कंपनी ने बड़े स्टोरेज क्षमता वाले कंटेनर भेजने शुरू किए. अब तो लगभग हर प्रकार का खाना अंतरिक्ष में जाता है. सैंडविच, पिज्जा आदि भी. आइए जानते हैं कि अंतरिक्ष में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स के खाने को लेकर बेहद अच्छी जानकारियां:-

  • थर्मो-स्टेबलाइज्ड तकनीकी से  पृथ्वी पर ही खाने को गर्म करके एल्यूमिनियम या बाईमेटालिक टिन केन में या पाउच में रख दिया जाता है. इस टिन या पाउच में खाना रखने के बाद उसे दोबारा गर्म करने की जरूरत नहीं पड़ती.
  • खाने को विशेष प्रकार के फ्लेक्सिबल फॉयल लैमिनेटेड पाउच रखा जाता है. ताकि, इसे अंतरिक्ष या स्पेस स्टेशन में होने वाले किसी भी रेडिएशन से बचाया जा सके.
  • कम नमी वाले खाद्य पदार्थ जो लगभग सूखे की श्रेणी में आता है. इसमें बेहद कम नमी होती है. जैसे- ड्राई फ्रूट्स, एप्रीकोट आदि.
  • फ्रीज्ड ड्राइड फूड , ये रेडी टू ईट होते हैं. इन्हें लंबे समय तक ठंडे तापमान में रखा जाता है. इस श्रेणी के खाने में ज्यादातर फल आते हैं.
  • ऐसे सूखे भोजन जिसमें से पानी को निकाल दिया जाता है. इसमें ज्यादातर दालें आती हैं. इन्हें स्पेस स्टेशन में गर्म पानी मिलाकर खाया जाता है. स्पेस स्टेशन पर ओवन की सुविधा है.
  • मूंगफली, क्रंच बार, चॉकलेट्स, कुकीज आदि. इन्हें फ्लेक्सिबल प्लास्टिक पाउच में रखा जाता है.
  • पीने वाले सभी प्रकार के पदार्थों को पाउडर-मिक्स फॉर्म में रखा जाता है. स्पेस स्टेशन पर सिर्फ गर्म पानी मिलाकर पीना होता है.