बड़ी खबरः अमेरिका के साथ ट्रेड वार झेल रहे चीन को अब मोदी से है मदद की आस
अमेरिका और चीन में ट्रेड वार अपने उच्चतम स्तर पर है और इसका नुकसान अब चीन के व्यापार बाजार और उसकी जीडीपी पर भी दिखाई देने लगा है हमेशा से भारत का विरोध करने वाले चीन को अब भारत से मदद की उम्मीद है । आतंकवाद और सीमा विवाद समेत कई मामलों में भारत के खिलाफ रुख रखने वाला चीन ट्रेड वॉर में साथ आने की अपील कर रहा है। इसके लिए चीन ने भारत के साथ अपने व्यापारिक असंतुलन को लेकर भी बात करने की बात कही है। चीन ने कहा है कि वह व्यापारिक असंतुलन को लेकर भारत की चिंताओं को समझता है और वह उसके साथ इस संबंध में वार्ता के लिए भी तैयार है। इसके साथ ही चीन ने ट्रेड में ‘एकपक्षीयता और संरक्षणवाद’ के खिलाफ भारत के भी साथ आने की अपील की।
भारत में चीन के नए राजदूत सन वेइडोंग ने कहा, ‘व्यापारिक असंतुलन को लेकर भारत की चिंताओं को चीन बखूबी समझता है। लेकिन हम यह कहना चाहेंगे कि चीन ने कभी भी भारत के मुकाबले ट्रेड सरप्लस के लिए कोई योजनापूर्वक प्रयास नहीं किया।’ उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने भारत से चावल और चीनी के आयात में इजाफे की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसके अलावा भारतीय दवाओं और कृषि उत्पादों के इम्पोर्ट पर भी विचार किया जा रहा है।
चीन में भारतीय उत्पादों के आयात में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके अलावा बीते साल चीन के बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात में भी दोगुने तक का इजाफा हुआ है। भारत लंबे समय से चीन पर अपने फार्मास्युटिकल मार्केट को भारतीय दवाओं के लिए खोलने का दबाव बनाता रहा है। चीन से भारत का व्यापारिक असंतुलन 95.5 बिलियन डॉलर के मुकाबले 57 अरब डॉलर के करीब ही है।
भारत में चीनी राजदूत वेंग ने कहा, ‘इस साल की पहली छमाही में चीन के साथ भारत के व्यापारिक घाटे में 5 फीसदी तक की कमी आई है। इसलिए मुझे यकीन है कि लगातार इस संबंध में प्रयास किए जाने से भारत और चीन के बीच व्यापारिक संतुलन को नियंत्रित किया जा सकता है।