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जापान ने दिया भारत का साथ, कहा भारत के बगैर आरसेप में नहीं होंगे शामिल

भारत और जापान के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे है और नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद ये दोस्ती और पक्की हुई है इसका ताज़ा उदाहरण तब देखने को मिला जब  जापान ने साफ तौर पर कह दिया कि वह भारत की भागीदारी के बगैर रीजनल कॉम्प्रहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसेप) में शामिल नहीं होगा। जापान ने स्पष्ट किया कि वह आरसेप का हिस्सा तभी बनेगा, जब इसमें शामिल देश भारत की चिंताओं का ख्याल रखते हुए उसे समझौते का हिस्सा बनाएंगे। जापान द्वारा यह घोषणा दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की गुरुवार को प्रस्तावित बैठक से पहले की गई है। आरसेप मुद्दे पर जापान का यह स्टैंड भारत के आर्थिक हितों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहते हुए आरसेप से खुद को अलग कर लिया था कि इसमें भारतीय हितों का ख्याल नहीं रखा गया है। इससे भारत के छोटे उद्योगों और कृषि क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि भारत ने अपने घरेलू व्यापार की सुरक्षा के मुद्दे पर काफी लंबे समय तक बातचीत की। कई दौर की वार्ता के बाद सरकार ने चीन की अगुआई वाले इस समझौते से खुद को अलग करने का फैसला लिया था। अब जापान के साथ आ जाने से क्षेत्रीय व्यापार में भारत के अलग-थलग पड़ने की संभावना क्षीण हो गई है।