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आखिर पाकिस्तान की मांग ठुकराकर चीन पाकिस्तान के साथ क्या खेल-खेल रहा है ?

चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है लेकिन सभी यह जानते हैं की इस दोस्ती के पीछे चीन का स्वार्थ निहित है फिर भी पाकिस्तान हमेशा चीन का दम भरता रहता है | भारत की वायुसेना के बेड़े में जब से राफेल लड़ाकू विमान आया है तब से पाकिस्तान  का डर  सामने आ रहा है। राफेल लड़ाकू विमान से परेशान पाक ने अपने दोस्त चीन  से उधार विमान मांगा। लेकिन चीन  ने विमान देने से मना कर दिया। बावजूद इसके एक बार फिर पाक ने चीन  के सामने अपग्रेडेड रडार व एयरक्राफ्ट की मांग रखी है। इस बार भी चीन  ने पाक की मांग को मानने से मना कर दिया है।

पाक सेना के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा व पीएम इमरान खान ने राफेल लड़ाकू विमान को काउंटर करने के लिए चाइना से अपग्रेडेड रडार प्रणाली व आधुनिक एयरक्राफ्ट की मांग की है। साथ ही पाक को दिए गए JF-17 थंडर फाइटर जेट को भी अपग्रेड करने की बात रखी है। हालांकि चीन  ने अपने सबसे पुराने दोस्त की इस मांग को पूरा करने से इन्कार कर दिया है। चीन  द्वारा पाक की हालिया मांग को मानने से मना करने के पीछे सोची समझी रणनीति है :-

पहला कारण  चीन  को लगता है कि पाक खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की वजह से लोन चुकाने में असमर्थ है। इसलिए संसार भर में चल रही मंदी के बीच पाक को क्रेडिट पर हथियार बेचना फायदे का सौदा नही है।

दूसरा कारण खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि जो हथियार पाक की सेना के लिए दिए जा गए थे, वो आतंकवादियों के हाथ में कैसे पहुंचे। चीन  को लगता है कि चीनी हथियारों के आतंकवादियों के हाथ में पहुंचने से उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि बेकार हो रही है। इसके साथ ये संदेश भी जा रहा है कि चीन  कश्मीर में आतंकवादियों की मदद कर रहा है।

तीसरा कारण चीन  अकेले पाक इकनोमिक कॉरिडोर में ही 46 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुका है। उसके इस प्रोजेक्ट में भी लगातार देरी होती जा रही है। इन सबके बावजूद हिंदुस्तान चीनी सामान के लिए एक बड़ा मार्केट है। ऐसे में चीन  हिंदुस्तान को नजरअंदाज नही कर सकता है।

चौथा कारण चाइना के शिंजियांग प्रान्त में उइगर मुसलमानों को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के समर्थन दिए जाने को लेकर भी चीन ने नाराजगी जताई है ।