राष्ट्रपति कोविंद करेंगे पर्यावरण अनुकूल सोलर एनर्जी से लैस विश्व स्तरीय खूबियों वाला सुप्रीम कोर्ट की नयी बिल्डिंग का उद्घाटन
सुप्रीम कोर्ट के लिए नया भवन सात साल में बनकर तैयार हो गया है और इस नई बिल्डिंग का उद्घाटन बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. बुधवार शाम को आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई रंजन गोगोई, सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी शिरकत करेंगे. बारह एकड़ में बना यह विशालकाय भवन न सिर्फ सीपीडब्लूडी की ओर से बनाई गई अब तक की सबसे बड़ी इमारत है, बल्कि इसमें डिमोलीशन वेस्ट का भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ है. पर्यावरण अनुकूल सोलर एनर्जी से लैस विश्व स्तरीय खूबियों वाला सुप्रीम कोर्ट यह नया परिसर वहीं है जहां कभी अप्पू घर होता था.
इस भवन की लागत करीब 885 करोड़ रुपये है इस बिल्डिंग में 15 लाख 40 हजार वर्ग फीट जगह उपलब्ध है .नई बिल्डिंग सुप्रीम कोर्ट की पुरानी बिल्डिंग से जुड़ी रहेगी. जिसका रास्ता भूमिगत है.सुप्रीम कोर्ट का सारा प्रशासनिक काम, मुकदमों की फाइलिंग, कोर्ट के आदेशों और फैसलों की कापियां लेने आदि सभी काम पुरानी बिल्डिंग से इस नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट की शुरूआत 28 जनवरी 1950 को हुई थी. शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट का कामकाज संसद भवन के कुछ हिस्से में होता था. 1958 में सुप्रीम कोर्ट की अपनी बिल्डिंग बन गयी जो कि भगवान दास रोड पर स्थित है. इसके विस्तार के लिए नई इमारत बनाई गई है.बिल्डिंग का काम 2012 में शुरू हुआ जो कि सात साल बाद अब 2019 में पूरा हुआ है.
इस नई इमारत में 2000 कारों के लिए तीन मंजिला पार्किंग होगी और वकीलों को अपने लिए 500 नए चैंबर मिलेंगे.इस बिल्डिंग में 650 और 250 लोगों की क्षमता वाले दो आडिटोरियम और एक बड़ा राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस रूम बनाया गया है. मुकदमों की सुनवाई करने वाली अदालतें पुरानी बिल्डिंग में ही रहेगी. साथ ही चीफ जस्टिस और अन्य जजों के आफिस भी पुरानी बिल्डिंग में बने रहेंगे.