चीन की अर्थव्यवस्था को लगा 17 साल का सबसे बड़ा झटका, भारत पर ये होगा असर
दुनिया की सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्था चीन को बड़ा झटका लगा है | अमेरिका के साथ चले रहे ट्रेड वार के कारण चीन में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सत्रह सालों के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा है | मीडिया एजेंसी रायटर्स के अनुसार औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अगस्त महीने में साढ़े 17 साल के निचले स्तर पर आ गई | आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में चीन के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.4 फीसदी रही है. यह फरवरी 2002 के बाद का सबसे निचला स्तर है | चीन की इंडस्ट्रीज दुनिया में सप्लाई चेन से बहुत ज्यादा जुड़ी हुई हैं | बीती शताब्दी के अंत तक दुनिया की आर्थिक गतिविधि में चीन की करीब 7 फीसदी हिस्सेदारी थी |
विश्व में उत्पादित होने वाला लगभग आधा कोयला, स्टील, तांबा और सीमेंट चीन चीन में आयात होता है | ऐसे में अगर चीन इन चीजों की खरीदारी बंद कर दे तो कीमतें काफी कम होने लगेंगी |
भारत पर क्या होगा प्रभाव ?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के आयात में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है यह हिस्सेदारी 16 फीसदी से ज्यादा है | चीन भारत के लिए निर्यात का भी चौथा सबसे बड़ा बाजार है | भारत के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी 4.39 फीसदी है, इसी कारण भारत पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है. दूसरी तरफ भारत के लिए अच्छी बात यह है कि वो चीन की कंपनियों के उत्पादों का एक बड़ा उपभोक्ता बन सकता है |
चीन की कंपनियां भारत में अपने जो उत्पाद बेचती हैं, उनका उत्पादन भारत में शुरू कर सकती हैं | भारत को ढांचागत सुविधाओं के मामले में भी चीन की कंपनियों से सहायता मिलने की उम्मीद है |
चीन से आगे रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के प्रवक्ता गेरी राइस ने हाल में कहा है कि भारत चीन से बहुत आगे और विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा | गेरी राइस ने कहा, हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉरपोरेट और पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक ग्रोथ उम्मीद से काफी कमजोर है.