चंद्रयान 2: विक्रम से संपर्क टूटने पर भी मिशन नहीं हुआ फेल, जानें कैसे- ISRO
चंद्रमा की सतह से सिर्फ दो किलोमीटर पहले मिशन मून के विक्रम से जैसे ही संपर्क टूटा वैसे ही करोड़ों भारतवासियों की आह निकल गयी…काफी देर अपनी टीवी स्क्रीन पर टकटकी लगाये बैठे लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि किसी तरह फिर विक्रम से संपर्क हो जाये लेकिन इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने घोषणा के साथ करोड़ों भारतवासियों की आशा पर तुषारापात हो गया।…लेकिन इसरो के मिशन मून चंद्रयान-2 की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई है।
इसरो का मिशनमून खत्म नहीं हुआ है… इस मिशन के 95 फीसदी यानी ऑर्बिटर के साथ इसरो के वैज्ञनिकों का संपर्क लगातार जारी है। ऑर्बिटर आपेक्षित जानकारियां अपने नियंत्रण कक्ष को भेज रहा है। उम्मीद है विक्रम के बारे में भी ऑर्बिटर कोई अच्छी खबर दे सकता है।
विक्रम के अंतरिक्ष में गुम हो जाने के बाद अभी बहुत कुछ बाकी है। हमारा ऑर्बिटर अच्छी सेहत के साथ काम कर रहा है और अभी एक साल तक काम करता रहेगा। इसरो से जुड़े एक वैज्ञानिक की बात को सही माना जाये तो विक्रम की खैर-खबर भी ऑर्बिटर से लिये जाने की कोशिश जारी है। यह भी संभव है कि विक्रम की फोटोग्राफ को ऑर्बिटर अपने कंट्रोल रूम को भेज दे।
हालांकि, जब तक इसरो की ओर से अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जाता तब तक कोई भी दावा करना ठीक नहीं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने अपने लक्ष्य का सिर्फ 5 प्रतिशत ही गंवााया है। अभी 95 प्रतिशत इसरो के हाथ में ही है। इस 95 प्रतिशत के जरिए मिशन की सफलता को आगे बढ़ाया जायेगा। ऐसा माना जा रहा है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने भी अभी तक पूरी तरह हार नहीं मानी है। कहीं न कहीं अभी भी उम्मीद है कि विक्रम से संपर्क हो सकता है। क्यों कि अभीतक न तो विक्रम के क्रैश लैण्डिंग के बाद क्षतिग्रस्त हो जाने की पुष्टि हुई है और न ही अंतरिक्ष में गुम हो जाने पर मुहर लगी है। ऐसे में संभावनाएं बाकी हैं। कुछ भी हो सकता है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि विक्रम से संपर्क ही टूटा है, हौंसला नहीं।