47 साल बाद खुला नासा के रहस्यमयी डिब्बे का राज जिसमें दफन हैं चांद के कई राज
पूरे विश्व में अन्तरिक्ष खोज में नासा का अग्रणी स्थान है | चांद के रहस्यों को उजागर करने और वहां पानी व जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए स्पेस एजेंसियां कई साल से शोध कर रही हैं. इसी के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 47 साल बाद वो डिब्बा खोला है, जिसमें चांद के रहस्य छिपे हैं. दरअसल इसमें चांद की मिट्टी और चट्टानों के सैंपल हैं. इन्हें 1972 में नासा के अपोलो 17 चंद्र अभियान के दौरान लिया गया था. अब नासा इन पर शोध करके इनसे प्राप्त नतीजों को 2024 में लॉन्च होने वाले आर्टिमिस मिशन के लिए इस्तेमाल करेगी.
नासा ने 1972 में अपने अपोलो 17 चंद्र मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा था. इसमें यूगीन सरनन, हैरसिन स्मिथ और रोनाल्ड इवंस शामिल थे. इनमें से सरनन और स्मिथ ने चांद की सतह से मिट्टी और चट्टानों के नमूने लिए थे. नासा के सभी अपोलो मिशन के तहत चांद से करीब 386 किलोग्राम नमूने लाए गए थे.नासा ने 5 नवंबर को इनमें से कुछ नमूनों को खोला है. इसे ह्यूस्टन में स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर की लूनर क्यूरेशन लैबोरेटरी में वैज्ञानिकों ने खोला है. चांद से लाए गए कुल 386 नमूनों में से नासा ने कुछ नमूने सुरक्षित रख लिए थे. नासा का मानना था कि भविष्य में जब इनके अध्ययन की और बेहतर तकनीक आ जाएंगी तो इन्हें निकालकर शोध किया जाएगा.दूसरा डिब्बा जनवरी में खुलेगा |
नासा ने सभी नमनों में से दो सैंपल अध्ययन के लिए चुने हैं. इन्हें वैज्ञानिक नाम 73002 और 73001 दिया गया है. 73002 को नासा के वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से खोल दिया है. जबकि 73001 को माना जा रहा है कि जनवरी 2020 में खोला जाएगा. इन दोनों नमूनों को दो फुट लंबे ट्यूब में लिया गया था. इन्हें चांद के लारा क्रेटर के पास हुए भूस्खलन की साइट से लिया गया था. नासा ने इनको खोलने से पहले इनका एक्सरे लिया था. ये सैंपल एक डिब्बे में रखे हैं. इनके अंदर सूखी नाइट्रोजन है. ऐसा इन्हें खराब होने से बचाने के लिए किया गया है |