कबीर दास जी के गुरु कौन थे ?
स्वामी रामानंद
स्वामी रामानंद को मध्यकालीन भक्ति आंदोलन का महान संत माना जाता है। उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाया। वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया। उन्होंने तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे छुआछूत, ऊंच-नीच और जात-पात का विरोध किया। किन्तु आपने कभी वर्णसंकरता की अनुमति प्रदान नहीं करी, केवल आपने सभी जातियों के लिए भक्ति मार्ग का द्वार खोला ।
उन्होंने अनंतानंद, भावानंद, पीपा, सेन [नाई], धन्ना, नाभा दास, नरहर्यानंद, सुखानंद, कबीर, रैदास, सुरसरी, पदमावती जैसे बारह लोगों को अपना प्रमुख शिष्य बनाया, जिन्हे द्वादश महाभागवत के नाम से जाना जाता है। इन्हें अपने अपने जाति समाज मे, और इनके क्षेत्र में भक्ति का प्रचार करने का दायित्व सौपा, इनमें कबीर दास और रैदास आगे चलकर काफी ख्याति अर्जित किये।