किस काल की लिपि को चित्राकार लिपि कहा जाता है ?
सिन्धु काल
सिन्धु कला एक प्रसिद्ध प्राचीन भारतीय कला है। यह सर्वमान्य है कि सिन्धु सभ्यता सर्वथा स्वदेशी है। हड़प्पा से प्राप्त नर्तकी की काँसे की मूर्ति तथा लाल पत्थर की एक मूर्ति का धड़, मोहनजोदड़ों से प्राप्त बैल तथा बन्दरों की आकृतियाँ आदि इस कला की सबसे महत्त्वपूर्ण कलाकृतियाँ हैं। इन कृतयों में जिस कला का परिचय मिलता है, वह सैली की सशक्त स्वाभाविकता, आकृति के विभिन्न अनुपातों के उत्कृष्ट ज्ञान और हर्ष एवं उल्लास की ऐसी भावनाओं से परिपूर्ण है जिनका अनुभव जीवन के स्पंदनशील क्षेत्र में ही हो सकता है। इस काल की कलाकृतियों में अनुभव तथा कौशल की पर्याप्त परिपक्वता का परिचय मिलता है। कुछ विद्वानों का विचार है कि सिन्धु सभ्यता तथा आर्य सभ्यता कुछ समय तक सहवासिनी रहीं और परस्पर मेल से फली फूलीं।