महाराष्ट्र में अजित पवार संग BJP की सरकार, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है
महाराष्ट्र में बीजेपी-एनसीपी की सरकार बन गई है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली तो वहीं एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी को अजित पवार के साथ एनसीपी के 22 विधायकों का समर्थन मिला है. वहीं कहा जा रहा है कि शिवसेना के भी कुछ विधायकों का समर्थन है. हालांकि, अभी विधायकों के समर्थन की स्थिति साफ नहीं है. बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली है.
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है. ऐसे में अगर एनसीपी के 22 विधायक ही बीजेपी के साथ आ पाते हैं तो बीजेपी के साथ मिलकर दोनों की संख्या 127 हो जाएगी. हालांकि, कुछ निर्दलीयों का समर्थन भी पहले ही बीजेपी को मिल चुका है. साथ ही अब शिवसेना के कुछ विधायक टूटने की बात भी कही जा रही है. ऐसे में अब देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को मिलकर फ्लोर टेस्ट पास करना होगा, जिसके लिए 145 का आंकड़ा जुटाना होगा.
ये है महाराष्ट्र का नंबर गेम
महाराष्ट्र में पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुए, जिसके नतीजे 24 अक्टूबर को आए. कुल 288 सीटों में से बीजेपी ने 105 पर जीत दर्ज की. जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी-शिवसेना के विरोधी गठबंधन कांग्रेस (44) और एनसीपी (54) को कुल 98 सीटों पर जीत मिली.
शपथ लेकर फडणवीस ने दिया यह बयान
मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन में स्पष्ट बहुमत पाने वाली शिवसेना ने चुनाव के बाद जनादेश खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि शिवसेना कुछ अन्य दलों के साथ सरकार बनाने की कोशिश करने लगी, जिसके कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया. हालांकि, इन तीन दलों के लिए खिचड़ी सरकार बनाना और संभव नहीं दिखा और राज्य में स्थाई सरकार देने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया जा सका.
फडणवीस ने कहा, ‘अजीत पवार और अन्य के समर्थन से हमने राज्यपाल को एक सूची भेजी, जिन्होंने इस पर निर्णय लेने के लिए केंद्र से चर्चा की. इसके बाद केंद्र से विचार-विमर्श करने के बाद राज्यपाल ने फडणवीस और पवार को सरकार बनाने का आमंत्रण दे दिया. वहीं अजीत पवार ने कहा कि मौजूदा समय में स्थाई सरकार बनाने की जरूरत है जो बनती प्रतीत नहीं हो रही थी. उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार बनाने के लिए लगातार हो रही वार्ताओं से थक गया था और इसीलिए मैंने फडणवीस के साथ जाकर राज्य को स्थाई सरकार बनाने का निर्णय लिया.’