क्या है INX स्कैम जिसके कारण भारतीय राजनीति में आया भूचाल और चिदंबरम हुए गिरफ्तार
कांग्रेस आई के हाई प्रोफाइल नेता और भारत के पूर्व गृहमंत्री पी. चिदम्बरम की मुश्किलें बढ़ गयी हैं . उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामले की काली परतें खुलनी शुरू हो गयी हैं . आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया. 27 घंटे तक उनके गायब रहने के बाद सीबीआई ने उनके निवास पर लुकआउट नोटिस चिपका दिया था और दो घंटे के अंदर पेश होने के लिए कहा था . परन्तु उनके पेश न होने की स्थिति में और हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद दिल्ली में सीबीआई ने चिदंबरम को उनके जोरबाग स्थित घर से गिरफ्तार किया. गुरुवार को सीबीआई उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करेगी. चिदंबरम की ओर से गुरुवार को ही जमानत याचिका दायर की जाएगी. आइए पहले यह जानते है कि आखिर क्या था आईएनएक्स स्कैम जिसने देश के पूर्व वित्त मंत्री को सलाखों को पीछे पहुंचा दिया.
चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया केस में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से गैरकानूनी तौर पर मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. इस केस में अभी तक चिदंबरम को 20 से ज्यादा बार गिरफ्तारी से राहत मिल चुकी है, लेकिन इस बार उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. ये मामला 2007 का है, जब पी. चिदंबरम यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री थे. पूर्व वित्त मंत्री के अलावा सीबीआई इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर चुकी है जो फिलहाल जमानत पर हैं.
कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया को 2007 में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर एक पीएमएलए का मामला दर्ज किया. ईडी ने 2007 में विदेश से 305 करोड़ की राशि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित तौर पर अनियमितता का आरोप लगाया है. ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए INX मीडिया के पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने पी.चिदंबरम से मुलाकात की थी, ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी ना हो.