सेना के सपूतों के लिए अच्छी खबर, गृह मंत्रालय ने स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट ‘भाभा कवच’को दी मंजूरी , AK-47 का सामना करने में सक्षम
आज देश में सेना की जरूरत के सामान के लिए हमें विदेशों का चक्कर न काटने पड़े और उनके ऊपर निर्भरता कम हो इसके लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है और अब इस प्रयास के नतीजे भी दिखाई देने लगे हैं ।ज्यादा से ज्यादा सामान अपने देश मे ही बने इसका माहौल भी तैयार हो चुका है ।
सीमा पर दुश्मनों से लड़ते हुए हमारे सैनिकों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट उनकी जान की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक होती है और अब इसका निर्माण अपने देश में ही हो रहा हैं ।इसी कड़ी में स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट ‘भाभा कवच’ भी शामिल हो चुका हैं जो अब तक का सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट हैं और इसे गृह मंत्रालय से मंजूरी भी मिल चुकी हैं। तो आइये अब बात करते हैं इस बुलेट प्रूफ जैकेट की विशेषताओं के बारे में।
- भाभा कवच को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एक्सपो 2019 में ‘भारत का सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट’ कहा गया।
- बुलेटप्रूफ जैकेट को ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़ बोर्ड (ओएफबी) और धातु मिश्र धातु निर्माता मिश्र धातू निगम (मिधानी) द्वारा विकसित किया गया है जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है।
- प्रत्येक भाभा कवच में चार कठोर कवच प्लेट होते हैं, जो पहनने वाले को आगे, पीछे और दोनों ओर से सुरक्षित करते हैं।
- बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) की नैनो तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
- बुलेट प्रूफ जैकेट एके-47 असॉल्ट राइफल और 46 एमएम इंसास राइफल से चली गई गोलियों को रोक सकती हैं।
- इसका वजन 2 किलोग्राम है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निर्धारित बुलेटप्रूफ जैकेट के वजन से 300 ग्राम कम है।
- इसकी 5 साल की अवधि के लिए वारंटी है।
- ओएफबी ने घोषणा की कि भाभा कवच के परीक्षण ने यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस (एनआईजे) के स्तर III मानकों को पूरा किया, जो 62 मिमी नाटो के मानक सुरक्षा के खिलाफ गारंटी देता है।