जानिए उन 3 नेताओं और उनके उपायों को जिसने चीन को आर्थिक महाशक्ति बनाया

जब चीन की बात होती है तो बात उसकी अर्थव्यवस्था तक पहुंच ही जाती है | पूरी दुनिया में चीन एक ऐसा उदहारण है जिसने विपरीत हालात में खुद को आर्थिक महाशक्ति के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया है | बीते कुछ दशकों में चीन ने व्यापारिक रास्ते और निवेश लाने के लिए अपने बाजार की व्यवस्था में कई ऐसे सुधार किए जो चमत्कारी साबित हुए हैं |

चीन को आर्थिक महाशक्ति बनाने में उसके तीन नेताओं का बड़ा योगदान रहा है इसमें माओत्से तुंग, डांग श्याओपिंग और वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हैं. श्याओपिंग ने 1978 में जिस आर्थिक क्रांति की शुरुआत की थी, उसी के दम पर चीन आज आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है | वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी उसे मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं |

एक दौर था जब चीन के करोड़ों लोग गरीबी के दलदल में थे | चीन में 1950 का दशक मानवीय त्रासदी का सबसे बड़ा काल था | कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के बूते माओ त्सेतुंग ने जो प्रयास किए वो भी कारगर साबित नहीं हुए | चीन की स्थिति तब और बिगड़ गई जब 60 के दशक में आए अकाल में लाखों लोगों की जान चली गई |

चीन ने वो भी दिन देखे जब उसके पास कोई व्यापारिक सहयोगी नहीं था | हालांकि 1976 में माओ की मौत के बाद डांग श्याओपिंग ने आर्थिक क्रांति की जो मुहिम छेड़ी, उसका प्रभाव अब तक है | शायद यही वजह है कि इन 40 सालों में चीन दूसरा आर्थिक महाशक्ति बनकर उभरा है |

वो उपाय जिससे चीन आर्थिक महाशक्ति बना :-

1- जब अमेरिका-जापान में ट्रेड वॉर हो रहा था तब चीन ने अपने यहां बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री को बुलाया | इसके लिए चाइना ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाए, जिनमें कंपनियों को ऐसी सुविधा दी, जैसे कोई एक्सपोर्ट करने जाते हो |

2- चीन ने लोकल इंडस्ट्री को अपनी बड़ी इंडस्ट्री के साथ जोड़ा | उन्होंने बड़े पैमाने पर आरएंडडी (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के लिए उसे सपोर्ट किया |

3- जब ग्रोथ शुरू हो गई तो साइंस एंड टेक्नोलॉजी में चीन ने बड़े पैमाने पर निवेश किया |धीरे-धीरे साइंस और टेक्नोलॉजी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के जरिए सुपरपावर बन गया |

4- चीन ने अपनी करंसी (युआन) का भी बड़ी चतुराई के साथ इस्तेमाल किया | युआन को अपनी ताकत बनाया और उससे पूरी दुनिया में चाइना के प्रोडक्ट की कॉस्ट बहुत कम हो गई और धीरे-धीरे चीन का बाजार में कब्जा होते चला गया |

5- चीन ने अपने यहां बड़े पैमाने पर मैन्यूफेक्चरिंग हब बनाए | वहां न्यूक्लियर प्लांट के साथ पटाखे जैसे छोटी चीज की बड़ी पैमाने पर मैन्यूफेक्चरिंग होती है. चीन की उत्पादन क्षमता करीब-करीब हर सेक्टर में है |