भारत और जर्मनी के बीच हुए 11 ऐतिहासिक समझौते, नए भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के भारत दौरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से व्यापक मुद्दों पर बातचीत के बाद दोनों देशों ने आतंकवाद तथा चरमपंथ के खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी और मर्केल ने शुकवार को 5वें भारत-जर्मनी अंतरसरकारी विमर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता की। इसके बाद भारत और जर्मनी ने 5 संयुक्त आशय पत्रों (ज्वॉइंट डिक्लरेशन ऑफ इंटेंट) पर दस्तखत किए। भारत और जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, नौवहन प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 11 समझौतों पर दस्तखत हुए।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमने 2022 तक नया भारत बनाने का संकल्प लिया है और इसमें जर्मनी जैसी प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता और आर्थिक शक्तियां बेहद उपयोगी होंगी।उन्होंने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने के लिए हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में तेजी लाने के लिए भारत और जर्मनी लगातार सहयोग करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी को उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया गया है। चांसलर मर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर इस बात का सबूत है कि नई और उन्नत प्रौद्योगिकी की दिशा में रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं। 5जी और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र एक चुनौती हैं, इन पर साथ काम करना महत्वपूर्ण है। मर्केल ने कहा कि हमें उन बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं से जुड़कर खुशी होगी जिनकी भारत परिकल्पना कर रहा है।