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मोदी सरकार 2.0 का एस. जयशंकर को विदेश मंत्री बनाना एक बेहतरीन निर्णय – अमेरिकी विशेषज्ञ

सरकार के द्वारा एस. जयशंकर को विदेश मंत्री बनाये जाने की अमेरिका के कुछ पूर्व राजनयिकों और विदेश मामलों के विशेषज्ञों प्रशंसा करते हुए विश्वास जताया कि उनके कार्यकाल में अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे. अपनी कुशल कूटनीति, गंभीर वार्ता तकनीकों और रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले 64 वर्षीय जयशंकर 2013 से 2015 तक अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत थे.

पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री रहीं निशा देसाई बिस्वाल ने बताया, मैं जयशंकर को विदेश मंत्री के रूप देखकर बहुत खुश हूं. वह अनुभवी और कुशल राजनयिक हैं. वैश्विक रणनीतिकार के रूप में उनके गहन अनुभव ने भारत की विदेश नीति के विकास में उन्हें महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया है.
भारत में अमेरिका के राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा ने कहा, जयशंकर, दुनिया के सबसे अच्छे राजनयिकों में से एक हैं. जनवरी, 2015 से जनवरी 2017 तक दिल्ली में नियुक्त रहे वर्मा ने भी जयशंकर के साथ काफी करीब से काम किया है. उनका कहना है, वह बहुत कड़े वार्ताकार हैं, लेकिन साथ ही वह बहुत निष्पक्ष भी हैं. उन्हें पता है कि सौदा/समझौता कैसे पक्का करना है. उन्हें अमेरिका-भारत संबंधों और भारत-चीन मसलों की जानकारी बाकी लोगों के मुकाबले बहुत ज्यादा है. जयशंकर जी चीन में सबसे लंबे समय तक भारत के राजदूत रहे हैं. वह जून 2009 से दिसंबर 2013 तक बीजिंग में रहे. वह 2015 से 2018 तक भारत के विदेश सचिव भी रहे.

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