श्रीराम को लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए संजीवनी बूटी का रहस्य किस वैद्य ने बताया था ?
सुषेण वैद्य
सुषेण वैद्य रामायण के अनुसार लंका में वैद्य थे। उन्होंने इंद्रजीत द्वारा लक्ष्मण को मूर्छित कर देने पर उनकी चिकित्सा की थी। प्रसंगानुसार रामायण में उल्लेख मिलता है कि जब राम-रावण युद्ध में मेघनाथ आदि के भयंकर अस्त्र प्रयोग से समूची लक्ष्मण मूर्छित हो मरणासन्न हो मरणासन्न अवस्था में पहुंच गए थे|
तब हनुमानजी ने जामवंत के कहने पर वैद्यराज सुषेण को बुलाया और फिर सुषेण ने कहा कि आप द्रोणगिरि पर्वत पर जाकर 4 वनस्पतियां लाएं : मृत संजीवनी (मरे हुए को जिलाने वाली), विशाल्यकरणी (तीर निकालने वाली), संधानकरणी (त्वचा को स्वस्थ करने वाली) तथा सवर्ण्यकरणी (त्वचा का रंग बहाल करने वाली)। हनुमान बेशुमार वनस्पतियों में से इन्हें पहचान नहीं पाए, तो पूरा पर्वत ही उठा लाए। तब वैद्यराज सुषेण ने उनमें से संजीवनी बूटी को पहचान कर उसे पीस कर लेपन तैयार किया तब लक्ष्मण मृत्यु के मुख से बाहर निकल पाए।