पाञ्चजन्य समाचार पत्र का प्रकाशन सर्वप्रथम कब हुआ था ?

1948 

पाञ्चजन्य भारतीय राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रणयन करने वाला हिन्दी का साप्ताहित समाचार पत्र है। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है।स्वतन्त्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में ‘पाञ्चजन्य‘ साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदर्शों एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।

वह व्यक्ति जिसकी कल्पना में से ‘पाञ्चजन्य‘ का जन्म हुआ, वह नाम है पं० दीनदयाल उपाध्याय। वस्तुत: जिस राष्ट्रधर्म प्रकाशन के तत्वावधान में लखनऊ से ‘पाञ्चजन्य‘ का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ उसका बीजारोपण पं० दीनदयाल उपाध्याय की पहल पर हो चुका था, जिन्होंने ‘पाञ्चजन्य‘ के शैशव काल में सम्पादक से लेकर प्रूफ रीडर, कम्पोजिटर, मुद्रक और कभी-कभी बंडल बांधने, उन्हें ले जाने के सब दायित्वों का निर्वाह करते हुए ‘पाञ्चजन्य‘ का पालन पोषण किया। उन्होंने ‘पाञ्चजन्य‘ के सम्पादक पद पर अपना नाम नहीं दिया पर वे सही अर्थों में ‘पाञ्चजन्य‘ के जन्मदाता और पालकर्ता थे।