अमेरिका और ईरान का टकराव खतरनाक मोड़ पर , युद्ध के आसार , दोनों देशों की सेनायें आमने-सामने
अमेरिका और ईरान में तनाव काफी समय से चला आ रहा है और ये लगातार बढता जा रहा है और अब दोनों देश लगभग युद्ध के कगार पर पहुंच ही चुके है। शुरुआत में ईरान ने अमेरिका के मानव रहित एक बड़े ड्रोन को मार गिराने का दावा किया था और अब अमेरिकी नौ सेना ने अपने युद्ध पोत के व्दारा ईरानी ड्रोन को मार गिराया गया है।इसी के साथ ही अमेरिका ने सउदी अरब की सीमा पर अमेरिकी सेना की तैनाती शुरू कर दी है।
अमेरिकी रक्षा प्रशासन ने सउदी अरब में सैन्य कर्मियों और संसाधनों की तैनाती का फैसला लिया है। सउदी अरब ने अमेरिका के इस फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि वह इलाके में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा के लिए उनका देश अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी करने के लिए तैयार है। सूत्रों के अनुसार किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ने सउदी क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा में संयुक्त सहयोग बढाने के लिए अमेरिकी सशस्त्र बलों की मेजबानी को मंजूरी दे दी है।
अमेरिका और ईरान की शुरुआत तब हुई जब अमेरिका व्दारा परमाणु संधि से अलग होने के बाद ईरान ने लगातार अपने यूरेनियम भंडार में वृद्धि की है जिसकी वजह से अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिये थे। तब से दोनों देश आपसी टकराव को बातचीत से न सुलझाकर इस तनाव को युद्ध के मुहाने ले आये हैं ।
फिलहाल ईरान ने ब्रिटेन को दो तेल टैंकरो को अपने कब्जे में लेने की बात को स्वीकार है कि ब्रिटेन ने हॉर्मुज जलडमरू के मध्य संधि का उल्लघंन किया है। यह विवाद यदि जल्दी न सुलझा तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह तनाव कहीं हमें तीसरे विश्व युद्ध की तरफ न ले जाए ।