मराठी
भालचन्द्र नेमाडे मराठी साहित्य में सर्वस्पर्शी तथा सर्वप्रतिष्ठित नाम है। उपन्यास, कविता एवं आलोचना में उनकी विरल ख्याति है। श्री नेमाड़े मराठी आलोचना में ‘देसीवाद’ के प्रवर्तक हैं। 1963 में प्रकाशित ‘कोसला’ उपन्यास ने मराठी उपन्यास लेखन में दिशा प्रवर्तन का काम किया।