लेह में हुआ राजा सिंगे नांग्याल की प्रतिमा का अनावरण, लद्दाख के इतिहास का है प्रतीक

केंद्र शासित प्रदेश बनने का जश्न मना रहे लद्दाख की राजधानी लेह में शुक्रवार को स्थापित सत्रहवें राजा सिंगे नांग्याल की 18 फीट ऊंची मूर्ति नई पीढ़ी को लद्दाख की समृद्ध संस्कृति सहेज कर रखने का स्मरण कराती रहेगी। सिल्क रूट पर बसे लद्दाख राज्य के सत्रहवीं सदी के शासक की इस मूर्ति का अनावरण शुक्रवार को लेह के हेमिस मठ में किया गया।

लेह में यह मूर्ति स्थापित करने की परिकल्पना बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा की वंशावली के धर्म गुरु ग्वालवांग द्रुकपा ने साल 2017 में की थी। इसे हेमिस मठ ने आगे बढ़ाया। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बीच हेमिस मठ ने शासक ङ्क्षसगे नांग्याल की नई मूर्ति लोगों को समर्पित किया है। यह मूर्ति लद्दाख के इतिहास, ताकत व महानता का प्रतीक है। धर्म गुरु ग्वालवांग द्रुकपा ने शुक्रवार को सोशल साइट ट्वीटर पर इसकी जानकारी दी है।

राजा सिंगे नांग्याल ने बौद्ध धर्म का प्रचार करने के साथ ही कला को बढ़ावा देने की दिशा में काफी काम किया। उन्होंने नौ मंजिला लेह पैलेस के साथ लद्दाख में कई मठ भी बनाए। राजा सिंगे नांग्याल लामा स्ताक्टसांग से काफी प्रभावित थे। राजा ने उन्हें लद्दाख प्रदेश के संरक्षक लामा का दर्जा दिया। राजा सिंगे के मार्गदर्शन में ही लेह में हेमिस मठ का आगाज़ किया। लामा बनने के लिए यहां बाल्तीस्तान से 25 विद्यार्थी लाए गए थे। आज हेमिस मठ लद्दाख का सर्वाधिक प्रतिष्ठित मठ है।