मोदी सरकार ने सभी शिक्षको के लिए किया ऐतिहासिक फैसला
मोदी सरकार की तरफ से स्कूली शिक्षकों के लिए फिलहाल राहत देने वाली एक बड़ी खबर है। आने वाले दिनों में उन्हें सभी गैर- शैक्षणिक कार्यो से पूरी तरह से मुक्त किया जा सकता है। ऐसे में उनके जिम्मे अब सिर्फ और सिर्फ बच्चों को पढ़ाने की ही जवाबदेही रहेगी। अभी स्कूलों में पढ़ाने वाले इन शिक्षकों का सबसे ज्यादा फोकस बच्चों के लिए दोपहर का भोजन (मिड-डे मील) तैयार कराने और उन्हें खिलाने को लेकर ही रहता है। इसके अलावा वोटर लिस्ट तैयार करने, जनगणना करने आदि काम भी उनके जिम्मे रहते है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अपने अंतिम मसौदे में स्कूली शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से पूरी तरह से अलग करने का सुझाव दिया है। साथ ही उम्मीद जताई है, कि इससे स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार भी दिखेगा।
प्रस्तावित नई शिक्षा नीति तैयार करने वाली कमेटी ने अपने प्रारम्भिक मसौदे में भी शिक्षकों को मिड- डे मील की जिम्मेदारी से अलग रखने का सुझाव दिया गया था। हालांकि इसे मंत्रालय ने अब और सख्त बताते हुए इनमें मिड-डे मील के साथ ही सभी गैर-शैक्षणिक कार्यो से उन्हें मुक्त रखने का सुझाव दिया है। यह कदम इसलिए भी अहम है, क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों की पहले से ही भारी कमी है।