क्या आप जानते हैं कि हाल में दिंवगत हुए मल्ली मस्तान बाबू का सम्बन्ध किस क्षेत्र से था?
पर्वतारोहण
40 साल के मल्ली मस्तान बाबू की मौत ने देशभर के पर्वतारोही को सन्न कर के रख दिया है। दुनियाभर में शायद ही ऐसा कोई शिखर होगा जिस पर मल्ली मस्तान बाबू ने तिरंगा न लहराया हो। आईआईटी खड़गपुर से से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने आईआईएम कोलकाता से मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की, लेकिन मन पर्वतारोहण में रम सा गया। उन्होंने सिर्फ 172 दिनों में धरती के सात उपमहाद्वीपों के सात सबसे ऊंचे शिखरों पर चढ़ाई करके एक अनोखा कीर्तिमान बनाया।
इतना ही नहीं अंटार्टिका के सबसे ऊंची और सबसे कठिन पहाड़ माउंट विनसन मैसिफ चढ़ने वाले वो पहले भारतीय बने। इस बार भी वो चिली और अर्जेंटीना के बीच एक पर्वत पर फतह पाने के लिए निकले थे। 24 मार्च को उनसे सभी तरह का संपर्क टूट गया। 4 तारीख को उनकी मौत की खबर ने सभी उम्मीदों को खत्म कर दिया। स्कूल के दौरान उनके एक सीनियर की एवरेस्ट चढ़ते वक्त मौत हो गई थी और तभी से उन्होंने प्रण कर लिया था कि वो हर हाल में माउंट एवरेस्ट की शिखर पर जाएंगे।