जानिए क्यों एपीजी की नयी रिपोर्ट में पाक पर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा बढ़ा
पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है और इसका कारण केवल पाकिस्तान सरकार की कार्यप्रणाली है जो कोई भी ऐसा काम नहीं कर रही है जिससे पूरी दुनिया को विश्वास हो की पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कोई कड़े कदम उठा रहा है .
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूरी दुनिया में भले ही आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हों लेकिन उनकी हकीकत एक बार फिर सामने आ गई है. दुनिया भर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की एशिया पैसिफिक ग्रुप की रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है.
एशिया/पैसिफिक ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (एपीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है, ”मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 में से 9 मानदंडों पर पाकिस्तान फेल रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ते दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए पाकिस्तान ने सही कदम नहीं उठाए. पाकिस्तान ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत और इनके सरगना हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.”
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि आज भी ये आतंकी संगठन पाकिस्तान में खुलेआम सभाएं करते हैं और फंड जुटाते हैं. रिपोर्ट के सामने आने के बाद पाकिस्तान पर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. ब्लैकलिस्ट होने पर पाकिस्तान की आर्थिक मोर्चे पर मुसीबत और बढ़ जाएगी. वर्ल्ड बैंक, IMF, जैसी संस्थाओं से पाकिस्तान को कर्ज नहीं मिल पाएगा.
पिछले साल जून के महीने में पाकिस्तान को संदिग्ध लिस्ट में डाला गया था, इसके बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंक के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई लेकिन हुआ कुछ नहीं. अब अगले हफ्ते पेरिस में FATF का सालाना अधिवेशन होना है, इसी अधिवेशन में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.