आइये जाने मोदी सरकार के बजट 2019 में किसको हुआ फायदा और किसको नुकसान
केंद्र सरकार की ओर से दिनांक 5 जुलाई 2019 संसद में बजट पेश किया गया जिसमे 2019-20 में आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, अंतरिम बहीखाता में पांच लाख रुपये तक की आय करमुक्त बनी रही होगी। वहीं सरकार ने अमीरों की जेब ढीली करते हुए तीन से सात फीसदी का सेस लगाने का प्रस्ताव दिया है।
- सालाना पांच लाख रुपये तक कर योग्य आय होने पर कोई कर नहीं देना होगा। वित्तमंत्री ने अंतरिम बजट में आयकर में दी गई छूट को बरकरार रखा है।
- दो करोड़ रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक की सालाना व्यक्तिगत आय पर 25 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 37 प्रतिशत का अधिभार देना होगा।
- सीतारमण ने अमीरों पर अधिक कर लगाने की घोषणा की है। उन्होंने दो से पांच करोड़ सालाना कमाने वालों पर तीन फीसदी और सात करोड़ रुपये से अधिक आमदनी वालों पर सात फीसदी का सेस लगाने का प्रस्ताव किया है।
- 45 लाख रुपये तक घर खरीदने के लिए कर्ज लेने वाले मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कर्ज के ब्याज पर मिलने वाली छूट को 5 लाख रुपये कर दिया है। अब दो के बजाय साढ़े तीन लाख रुपये सालाना ब्याज राशि पर कर छूट मिलेगी, बशर्ते यह कर्ज 20 मार्च 2020 से पहले लिया गया हो। इससे 15 साल में सात लाख रुपये का फायदा होगा।
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए कर्ज लेने पर 5 लाख रुपये सालाना ब्याज को भी मुक्त किया है।
- 400 करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों को 25% न्यूनतम निगम कर का लाभ मिलेगा। इससे पहले यह लाभ 250 करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों को मिलती थी।
- स्टार्टअप कंपनियों की ओर से जमा कोष को भी आयकर विभाग की निगरानी से बाहर कर दिया गया है।