नागालैंड में AFSPA को 6 महीने के लिए और आगे बढ़ाया गया, जानें इसका कारण
AFSPA अधिनियम के अंतर्गत धार्मिक, जातिगत अथवा दो समुदायों के बीच किसी भी प्रकार का तनाव होने के कारण उस क्षेत्र विशेष को अशांत घोषित किया जाता है | AFSPA को साल 1958 में लागू किया गया था | इसे लागू करने के बाद केंद्र सरकार को परिस्थिति को काबू में लाने के लिए क्षेत्र में सशस्त्र बल भेजने का पूरा अधिकार होता है |
ऐसा होने के बाद यहाँ पर सशस्त्र बल कम से कम तीन माह के लिए लगातार काम कर सकता है | इस अधिनियम के अंतर्गत उग्रवादियों को पकड़कर उनपर कार्यवाही करने, उनकी संपत्ति को नष्ट करने एवं उन्हें गोली मारने का आदेश भी दिया जा सकता है | इस अंतराल में सुरक्षाबलों को किसी भी प्रकार के महत्वहीन मुकदमों से भी सुरक्षा प्रदान की जाती है अर्थात सुरक्षाबलों के विरुद्ध किसी भी प्रकार का मुकदमा करने से उन्हें कोई नुक्सान नहीं हो सकता |
वर्तमान समय में AFSPA को भारत के 6 राज्यों में लागू किया गया है जिसमें असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, जम्मू कश्मीर, मणिपुर और और मेघालय शामिल हैं | फिलहाल नागालैंड की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसे 6 महीने के लिए और आगे बढ़ा दिया गया है ताकि क्षेत्र की स्थिति को पूर्ण रूप से काबू किया जा सके |