समुद्री पानी को मीठा बनाने वाले देश के पहले संयंत्र का गुजरात में हुआ भूमिपूजन
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज कहा कि 1600 किलोमीटर लंबे समुद्री तट वाले गुजरात में समुद्र के खारे पानी का उद्योग, खेती और पेयजल में उपयोग करने के लिए राज्य में खारे पानी को शुद्ध पानी में रूपांतरित करने वाले आठ डिसेलिनेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
भरुच जिले के दहेज में लगभग 881 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले देश के औद्योगिक उद्देश्य के पहले ऐसे संयंत्र का उन्होंने आज भूमिपूजन किया। यह संयंत्र प्रतिदिन 10 करोड़ लीटर खारे पानी को मीठे पानी में बदलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य में आठ संयंत्रों के कार्यरत होने से खेती सहित पीने के पानी की समस्या अतीत की बात हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दहेज के उद्योगों के लिए निर्बाध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान में 45 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता की जलापूर्ति योजना स्थापित है। इस पेट्रोलियम, केमिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन क्षेत्र का पूर्ण विकास होने पर यहां रोजाना 100 करोड़ लीटर पानी की जरूरत का अनुमान है। इसी कड़ी में 10 करोड़ लीटर क्षमता वाल एक संयंत्र तीन माह में कार्यरत होगा। 15 हेक्टेयर क्षेत्र में आकार लेने वाले इस डिसेलिनेशन प्लांट का प्रोजेक्ट पूरा होने पर उपलब्ध होने वाले पानी की गुणवत्ता नर्मदा नदी के पानी की गुणवत्ता के अनुरूप होगी।