नो डिटेंशन से संबंधित प्रमुख मुद्दे

1: असफल होने पर बच्चों को पिछली कक्षा मे ंरोका जाना चाहिए या नहीं इस संबंध में अधिनियम के प्रावधान को लेकर भिन्न-भिन्न मत हैं। कुछ लोगों का यह मानना है कि अगली कक्षा में स्वतः प्रमोशन से बच्चों में सीखने और अध्यापकों में सिखाने की प्रवृत्ति में कमी आ जाती है।

2: कुछ अन्य लोगों का यह मानना है कि बच्चों को पिछली कक्षा में रोकने यानी डिटेंशन के परिणामस्वरूप वे स्कूल छोड़ देते हैं। जबकि वे व्यवस्था संबंधी उन कारकों पर ध्यान नहीं देते हैं जिसमें अध्यापकों और स्कूल की गुणवत्ता, मूल्यांकन का तरीका, पठन-पाठन की शैली जैसे कारक शामिल हैं।

3: संशाधित विधेयक 1.4 मिलियन प्राथमिक विद्यालयों के 180 मिलियन से अधिक छात्रों को प्रभावित करेगा।

पृष्ठभूमि:

1: पिछले कुछ सालों में लगभग 25 राज्यों न इस पॉलिसी के कारण शिक्षा का स्तर गिरने की बात कहते हुए केन्द्र सरकार से इसे समाप्त करने की मांग की थी। इसके बाद संशोधन का फैसला लिया गया था।

2: अप्रैल 2010 मे अधिनियम की शुरूआत के बाद पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक कोई भी छात्र फेल नहीं हुआ, लेकिन इस प्रक्रिया ने शिक्षा के खराब स्तर के लिए इसे आलोचना का शिकार बना दिया।

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