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भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करे चीन

राजकीय महाविद्यालय बंगाणा में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय भारत-चीन संबंध पाकिस्तान के संदर्भ में रहा। मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी थे।

नेगी ने कहा चीन को भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थायी सदस्यता का समर्थन करना चाहिए। भारत और चीन एशिया की उभरती ऐसी शक्तियां हैं, जिनकी विदेश नीति का एशिया की राजनीति गहरा प्रभाव पड़ता है। इनके सहयोग अथवा संघर्ष से विश्व शक्ति संरचना पर भी प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। भारत व चीन एक लंबी अवधि से एक-दूसरे को सामरिक, आर्थिक एवं कूटनीतिक दृष्टि से पीछे करने के लिए प्रयत्न करते आ रहे हैं। एशिया में अपने वर्चस्व को लेकर उलझ रहे हैं।

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मार्केट प्लेस
भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करे चीन

संवाद सूत्र, बंगाणा : राजकीय महाविद्यालय बंगाणा में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय भारत-चीन संबंध पाकिस्तान के संदर्भ में रहा। मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी थे।

नेगी ने कहा चीन को भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थायी सदस्यता का समर्थन करना चाहिए। भारत और चीन एशिया की उभरती ऐसी शक्तियां हैं, जिनकी विदेश नीति का एशिया की राजनीति गहरा प्रभाव पड़ता है। इनके सहयोग अथवा संघर्ष से विश्व शक्ति संरचना पर भी प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। भारत व चीन एक लंबी अवधि से एक-दूसरे को सामरिक, आर्थिक एवं कूटनीतिक दृष्टि से पीछे करने के लिए प्रयत्न करते आ रहे हैं। एशिया में अपने वर्चस्व को लेकर उलझ रहे हैं।

भारत ही पहला ऐसा गैर साम्यवादी देश था जिसने चीन को मान्यता प्रदान की तथा संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थायी सदस्यता देने का आह्वान किया था। आज की राजनीति में चल रहे संक्रमणकाल में भारत-चीन संबंधों की नई पहल का महत्व दोनों देशों के हितों के लिए ही नहीं, अपितु विकासशील देशों के हितों के लिए भी आवश्यक है।

21वीं सदी में चीन व भारत एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी और मित्र दोनों हैं। कई अंतरराष्ट्रीय मामलों में दोनों ने सहमति जताई है। भारत में चीन ने विकास और संसाधन के क्षेत्र में पांच अरब डॉलर के निवेश की इच्छा व्यक्त की है। पाकिस्तान के साथ चीन का संबंध सदैव ही विशिष्ट रहा है। भारत- चीन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य डॉक्टर आरती देवी मौजूद थे।