हैरत में पड़ जायेंगे आप उजाला योजना की कामयाबी जानकर

प्रधानमंत्री मोदी की छोटी लगने वाली योजनायें अब अपना आकार दिखाने लगी हैं और अब उसका लाभ भी दिखने लगा है | किसी भी देश  की तरक्की इस बात पर निर्भर करती है कि उसके पास संसाधन कितने हैं और वो उनका इस्तेमाल कैसे करते हैं | इन्हीं शब्दों के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी  ने 2015 में उजाला योजना  के तहत एलईडी  बल्ब वितरण की शुरुआत की थी | योजना का मकसद देश में बिजली  की खपत को कम कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना था | 4 साल बाद पीएम मोदी की इसी योजना की अब एक बड़ी खबर आई है | योजना के तहत अब तक देशभर में 36.02 करोड़ बल्ब वितरित किए जा चुके हैं | इससे एक ओर जहां हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है, वहीं वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड  जैसी हानिकारकर गैस का उत्ससर्जन कम हो गया है |

मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए का है कि 2015 से अब तक देशभर में 36.02 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं |  इतनी बड़ी संख्या में एलईडी बल्ब वितरण से सरकार को 18716 करोड़ रुपये की बचत हुई है | दूसरी ओर सालाना 46790 एमएन (केडब्ल्यूएच) ऊर्जा की बचत हुई | अगर रुपये में बात करें तो 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की ऊर्जा बचाई गई है |

मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों को मानें तो 36 करोड़ एलईडी बल्ब का वितरण होने के बाद से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की मात्रा में कमी आई है | आंकड़ों की मानें तो अब हर साल वातावरण में 3.78 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड का कम उत्सर्जन हो रहा है | खास बात ये है कि जब पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी तो ये ऐलान किया था कि इस योजना से वर्ष 2030 के बीच तक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 33 से 35 प्रतिशत की कटौती आ जाएगी|