सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम पर पाबंदी पर मोदी सरकार ने जारी की अधिसूचना, सरकारी-निजी ऑफिसों में ये चीजें हुई प्रतिबंधित
मोदी सरकार 2 अक्तूबर से सभी प्रकार के प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक कटलरी और कप, थर्मोकोल से बनी सजावटी वस्तुओं और अन्य संबंधित आइटम के उपयोग पर प्रतिबंध लगा रही है. यहां तक कि 51 माइक्रोन से ऊपर के कैरी बैग के इस्तेमाल की भी छूट नहीं होगी. आज आम लोगों के लिए जारी अधिसूचना में पीईटी से बनी प्लास्टिक बोतलों को प्रतिबंध से छूट दी गई है. हालांकि, इस अधिसूचना से संकेत मिलते हैं कि इस संबंध में और गाइडलाइन 2 अक्तूबर को जारी हो सकते हैं.
एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) के संबंध में यह अधिसूचना दो भागोें में हैं, एक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जबकि दूसरे में केंद्र सरकार के सभी कार्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी कंपनियां आते हैं. सरकारी और निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों के कार्यालयों को पीईटी प्लास्टिक की पानी की बोतलों के उपयोग को हतोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है.
पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गाइडलाइन की नई कड़ी जारी की है. उसने 15 अगस्त को लाल किला के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने की घोषणा के मद्देनजर ये गाइडलाइन जारी की है.
ये परामर्श : राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए : –
हैंडल या बिना हैंडल वाले सभी प्लास्टिक बैग चाहे उसकी मोटाई और आकार कुछ भी हो, प्लास्टिक कटलरी जिनमें प्लेटें, तरल पदार्थ के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक कप अथवा ग्लास आदि शामिल हैं. – कटलरी और थर्मोकोल से बनी अन्य सजावटी वस्तुएं. वे निमार्ताओं और उपभोक्ताओं को पर्यावरण अनुकूल अन्य सामग्रियों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
सरकारी कार्यालयों और निजी कंपनियों के लिए : –
कृत्रिम फूल, बैनर, झंडा, फूलदान, पीईटी प्लास्टिक की पानी की बोतल – प्लास्टिक स्टेशनरी आइटम जैसे फोल्डर आदि. – प्लास्टिक की अन्य वस्तुएं जिनके लिए विकल्प मौजूद हैं.
वैकल्पिक साधनों को तलाशें :
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक आइटमों के वैकल्पिक साधनों को खोजने के लिए कहा है. साथ ही एकल उपयोग वाले प्लास्टिक बनाने वाले उद्योगों को समान मात्रा में प्लास्टिक कचरे को एकत्र करने के लिए कहा है. सरकार ने याद दिलाया है कि उद्योगों को कचरे के संग्रह के लिए 2016 में इसी तरह के दिशानिर्देश जारी किए गए थे.