आखिरकार अमेरिका में इमरान ने कबूल ही लिया कि अलकायदा को पाकिस्तान आर्मी ने ही ट्रेनिंग दी
धारा 370 के हटने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और उसकी कोई भी चाल काम नहीं आ रही है और वह पूरे विश्व में अलग पड़ चूका है | जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के द्वारा अमेरिका के सामने लगाई गई गुहार काम नहीं आई | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोदी की अच्छी ट्यूनिंग ने भी पाकिस्तान को परेशान कर रखा है और अमेरिका ने भी जम्मू कश्मीर मसले को भारत आंतरिक मामला बताते हुए दखल देने से साफ़ मना केर दिया |
अमेरिका के एक कार्यक्रम में इमरान खान अमेरिका पर ही बरस पड़े | इतना ही नहीं इमरान ने ये भी माना कि अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने अलकायदा को ट्रेनिंग दी है और अमेरिका का इसमें पूरा सहयोग था | दरअसल न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन में बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि 9/11 आतंकी हमले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का विश्वास किया, उनकी मदद की लेकिन ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल साबित हुई | इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ |
इमरान खान ने कहा कि 1980 में सोवियत संघ के वक्त अफगानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया. सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए पाकिस्तानी सेना और ISI ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी, जो बाद में अलकायदा बना | 1989 में जब सोवियत ने अफगानिस्तान छोड़ दिया, बाद में अमेरिका ने छोड़ दिया लेकिन ये आतंकी संगठन पाकिस्तान में ही रहे | लेकिन बाद में 9/11 हुआ और एक बार फिर पाकिस्तान अमेरिका के साथ आया, यही कारण है कि हमें बार-बार झटका लगता रहा |
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यहां जम्मू-कश्मीर के मसले पर भी बात की, उन्होंने कहा कि भारत को जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों को हटाना चाहिए| अमेरिका जैसे बड़े देश, संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों को इस मसले में दखल देना चाहिए, ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके |