सऊदी अरब की महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले ऐतिहासिक फैसले
सऊदी अरब एक ऐसा देश है जहाँ सदियों से महिलाओं के लिए बहुत पाबंदिया थी और वहां की महिलायें इसके खिलाफ अपनी आवाज भी उठाती रही है | पिछले एक दशक से सऊदी अरब में महिलाओं के लिए बहुत सुधारवादी निर्णय हो रहे हैं अभी सऊदी अरब प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि अब इस देश की महिलाएं किसी संरक्षक की अनुमति के बिना विदेश यात्राओं पर निकल सकेंगी। इस ऐतिहासिक सुधार के बाद वह पुरानी संरक्षण प्रणाली समाप्त हो गई, जिसके तहत कानूनन महिलाओं को स्थाई रूप से नाबालिग समझा जाता है। उनके सरंक्षकों यानी पति, पिता और अन्य पुरुष संबंधियों को उन पर मनमाना अधिकार प्रदान करती थी।
आइये आज आपको बताते है कि पिछले एक दशक में सऊदी अरब में महिलाओं के हित में कौन कौन से ऐतिहासिक निर्णय लिए गए है :-
- इस नियम के मुताबिक अब 21 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और अभिभावक की सहमति हासिल किए बिना देश छोड़ने की इजाजत होगी। पुराने कानून के मुताबिक सऊदी अरब में किसी भी उम्र की महिला बिना किसी पुरुष संरक्षक के विदेश यात्रा पर नहीं जा सकती थी । यह नियम 21 वर्ष के कम उम्र के पुरुषों के साथ भी लागू था ।
- वर्ष 2018 में महिलाओं को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति हासिल हुई। इसी वर्ष महिलाओं को सेना में भर्ती की अनुमति प्रदान की गई। इसके साथ उन्हें स्वतंत्र कारोबार की इजाजत भी मिली।
- वर्ष 2017 में सऊदी महिलाओं को पासपोर्ट दिए जाने के सारे बंधन हटा दिए गए। उन्हें स्वतंत्र पासपोर्ट दिया जाने लगा।
- दिसंबर 2015 में महिलाओं को वोट डालने का अधिकार हासिल हुआ। इसके पूर्व उनको इस अधिकार से वंचित रखा गया था।
- वर्ष 2012 में सऊदी महिलाओं को खेलों में हिस्सा लेने का हक मिला। पहली बार सऊदी महिला ओलिंपिक खेलों में शामिल हुईं। अतंरराष्ट्रीय खेलों में पहली बार सऊदी का प्रतिनिधित्व देखने को मिला।